मुख्तार अंसारी गैंग के शार्प शूटर संजीव जीवा माहेश्वरी को भी कोर्ट में पेशी के दौरान हमले की आशंका थी, लेकिन वह नहीं जानता था कि उसके ऊपर हमला लखनऊ कोर्ट में हो जाएगा. संजीव जीवा को मुजफ्फरनगर में पेशी के दौरान हमले की आशंका थी. इसके चलते संजीव जीवा ने मुजफ्फरनगर में होने वाली पेशी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से कराने के लिए जिला जज मुजफ्फरनगर को एक चिट्ठी भी लिखी थी, जो अब वायरल हो रही है.
बीते बुधवार 7 जून 2023 को लखनऊ डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में हुई संजीव जीवा माहेश्वरी की गोली मारकर हत्या एक गहरी साजिश का हिस्सा थी. एक तरफ संजीव जीवा को मारने वाले महीनों से फुलप्रूफ प्लान रच रहे थे, तो वही संजीव जीवा का अपना नेटवर्क भी इस साजिश की भनक को पा चुका था, लेकिन संजीव जीवा माहेश्वरी कोई हमले का इनपुट मुजफ्फरनगर कोर्ट में पेशी के दौरान का मिला था.
यही वजह थी कि बाराबंकी जेल में बंद रहने के दौरान संजीव जीवा माहेश्वरी जब भी मुजफ्फरनगर पेशी पर गया तो उसने बुलेट प्रूफ जैकेट किसी भी हालत में किसी भी परिस्थिति में नहीं निकाली. बीते अप्रैल महीने में अतीक अहमद और अशरफ की हत्या के बाद संजीव जीवा को यह आशंका और गहराने लगी थी, लेकिन उसे लगता था कि यह हमला मुजफ्फरनगर कोर्ट में होगा.
यही वजह थी कि संजीव माहेश्वरी ने लखनऊ कोर्ट में पेशी के दौरान अपने एक करीबी वकील को मुजफ्फरनगर जिला जज के नाम पर एक पत्र लिखने को कहा, जिसमें मुजफ्फरनगर कोर्ट में होने वाली जून के आखिरी सप्ताह में पेशी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से करवाने की गुजारिश की जानी थी. वह प्रार्थना पत्र तैयार होकर संजीव जीवा माहेश्वरी को भी दिया गया और संजीव माहेश्वरी ने उस पत्र में अपनी हैंडराइटिंग में कुछ सुधार भी किया.
अब यह पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस पत्र में साफ लिखा गया वारंट B के बहाने से उसे ले जाकर विरोधी गैंगस्टर सुशील मूंछ और उसके बेटा टोनी अपने सहयोगी बदन सिंह बद्दो के साथ मिलकर पेशी पर हत्या कराना चाहते हैं. दरअसल संजीव जीवा महेश्वरी को समय रहते हमले का इनपुट तो मिला लेकिन उसकी कैलकुलेशन में गलती हो गईय संजीव जीवा को लगा कि उसके विरोधी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सक्रिय हैं.
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में उनकी गैंग के लोग हैं, मददगार पुलिस वाले हैं लिहाजा उसकी हत्या की प्लानिंग मुजफ्फरनगर कोर्ट में पेशी के दौरान ही रची जाएगी. दूसरे लखनऊ जेल से मुजफ्फरनगर तक का लंबा रास्ता और पेशी के दौरान संजीव जीवा की गाड़ी को जहां पर खड़ा किया जाता था, वहां पर से कोर्ट तक की ज्यादा दूरी है.
ऐसे में वहां पर हमले की आशंका संजीव जीवा को सबसे ज्यादा सताती थी, लेकिन वह यह भूल गया कि अगर मुजफ्फरनगर का संजीव जीवा फर्रुखाबाद में ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या कर सकता है तो पश्चिमी उत्तर प्रदेश का अपराधी उसको लखनऊ में क्यों नहीं निपटा सकता. वह लखनऊ कोर्ट में हमले की आशंका को नहीं समझ पाया. यही वजह थी कि मुजफ्फरनगर कोर्ट में पेशी के दौरान हत्या की आशंका जताने वाले संजीव महेश्वरी की लखनऊ कोर्ट में हत्या हो गई.
फिलहाल हत्याकांड की जांच कर रही पुलिस अब संजीव जीवा माहेश्वरी के विरोधी गैंगस्टर सुशील मूंछ और फरार चल रहे 5 लाख के इनामी बदन सिंह बद्दो के करीबियों से भी पूछताछ करने की तैयारी में है, जिनसे जेल में जाकर पूछताछ की जाएगी.