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'स्वामी प्रसाद मौर्य पागल हो गए, उनकी जगह जेल या...', बोले राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी

स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा रामचरितमानस के बाद साधु-संतों पर की गई टिप्पणी को लेकर अयोध्या में राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य पागल हो गए हैं. पागल की जगह या तो जेल या पागलखाने में होती है. कहा कि साधु-संत भगवान के भक्त हैं, स्वामी प्रसाद मौर्य कहने से आतंकवादी-जल्लाद नहीं हो जाएंगे.

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स्वामी प्रसाद मौर्य, राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास
स्वामी प्रसाद मौर्य, राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास

समाजवादी पार्टी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य रामचरितमानस पर की गई टिप्पणी के बाद अब साधु संतों के बारे में दिए गए बयान पर घिर गए हैं. इसकी टिप्पणी पर अयोध्या में राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य पागल हो गए हैं. पागल की जगह या तो जेल या पागलखाने में होती है.

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सत्येंद्र दास ने कहा, "साधु-संत भगवान के भक्त हैं, उनके (स्वामी प्रसाद मौर्य) कहने से आतंकवादी-जल्लाद नहीं हो जाएंगे. जिसकी जो मानसिकता होती है वो वैसा ही साधुओं के प्रति व्यक्त करता है. खुद स्वामी प्रसाद मौर्य की मानसिकता जल्लाद, राक्षस, पिशाच की है. इसलिए इसी भाव से प्रेरित होकर रामचरितमानस पर बोल रहे हैं. जरूरत है कि स्वामी प्रसाद को पागलखाने भेजा जाए."

गौरतलब है कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी की थी. इसके बाद साधु संतों ने विरोध किया था. उस पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था, "जो लोग मेरी जीभ काटने की बात कर रहे हैं, उन्हें मैं जल्लाद और आतंकवादी क्यों न समझूं."

दरअसल, स्वामी प्रसाद ने हाल ही में रामचरित मानस को लेकर विवादित बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि कई करोड़ लोग रामचरित मानस को नहीं पढ़ते, सब बकवास है. यह तुलसीदास ने अपनी खुशी के लिए लिखा है. सरकार को इसका संज्ञान लेते हुए रामचरित मानस से जो आपत्तिजनक अंश है, उसे बाहर करना चाहिए या इस पूरी पुस्तक को ही बैन कर देना चाहिए.

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लखनऊ में दर्ज हुई थी FIR

स्वामी प्रसाद के रामचरितमानस वाले बयान के बाद जमकर हंगामा हुआ था. इतना ही नहीं, लखनऊ में उनके खिलाफ केस दर्ज हुआ था. पुलिस के मुताबिक स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता यानी कि आईपीसी की धारा 295 ए, 298, 504 और 153 के तहत दर्ज किया गया था.

'हमें कुछ चौपाइयों पर आपत्ति'

हालांकि स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी के बाद कहा था कि उन्होंने न तो भगवान राम का अपमान किया है, ना ही रामचरितमानस का अपमान किया है, उन्होंने कहा कि हमें कुछ चौपाइयों पर आपत्ति है. स्वामी प्रसाद ने कहा था कि उन्होंने किसी ग्रंथ या भगवान के खिलाफ कुछ भी नहीं कहा है. मैं अपने बयान पर कायम हूं. हमने रामायण की उन चौपाइयों पर आपत्ति जताई है, जिसमें दलितों और पिछड़ों को अपमानित किया गया है, उस अंश को रामचरितमानस से निकालने की बात कही है.

 

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