scorecardresearch
 

'कम से कम उसका शव तो लौटा दो...', शहजादी खान के पिता ने रोते हुए बयां किया दर्द, UAE ने दी थी फांसी

बांदा की शहजादी खान को 15 फरवरी को UAE में फांसी दे दी गई. शहजादी के ऊपर एक बच्चे की हत्या का आरोप था. बेटी शहजादी की मौत पर पिता शब्बीर खान ने रोते हुए अपना दर्द बयां किया है.  

Advertisement
X
शहजादी खान के पिता शब्बीर खान
शहजादी खान के पिता शब्बीर खान

यूपी के बांदा की शहजादी खान को 15 फरवरी को UAE में फांसी दे दी गई. शहजादी के ऊपर 4 महीने के एक बच्चे की मौत में लापरवाही बरतने का आरोप था. दो साल से जेल में बंद शहजादी को चार महीने पहले ही UAE की कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी. बेटी की मौत पर पिता शब्बीर खान ने रोते हुए अपना दर्द बयां किया है.  

Advertisement

ये भी पढ़ें- 'शहजादी को UAE में 15 फरवरी को दे दी गई थी फांसी', केंद्र सरकार ने कोर्ट को दी जानकारी

शहजादी के पिता शब्बीर खान ने कहा कि बेटी की जिंदगी बचाने के लिए हर संभव कोशिश की. सरकार से मदद की गुहार लगाई, दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की, लेकिन कोई राहत नहीं मिली. जब तक सरकार से कोई जवाब आता, शहजादी को फांसी दे दी गई. 'आजतक' के कैमरे पर फफक-फफक कर रोते हुए शब्बीर ने कहा- "अगर मेरी बेटी को बचा नहीं सके, तो कम से कम उसकी डेड बॉडी तो लौटा दो..." 

शब्बीर खान सरकार से गुहार लगाई है कि उन्हें दुबई जाने की अनुमति दी जाए, ताकि वे अपनी बेटी के अंतिम संस्कार में शामिल हो सकें. उन्होंने बताया कि आखिरी बार जब शहजादी ने फोन किया था तो वह बहुत घबराई हुई थी. वह बड़ी मुश्किल से बोल पाई थी कि मेरा वक्त पूरा हो गया है. बातचीत करते हुए हम लोग रोने लगे थे.

Advertisement

बकौल शब्बीर- मामले में किसी ने हमारी मदद नहीं की. आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं है कि दुबई जाकर जांच-पड़ताल करते. वकील भी बहुत महंगे थे. जहां तक हो पाया गुहार लगाई, दौड़ भाग की. लेकिन आखिर में सबकुछ खत्म हो गया. 

यह भी पढ़ें: 'हम अपील करते रहे, बेटी को न्याय नहीं मिला...', पिता की जुबानी, अबू धाबी में शहजादी की फांसी की कहानी

शहजादी के पिता का कहना है- "मेरी बेटी को इंसाफ नहीं मिला. सरकार ने हमारी कोई मदद नहीं की. अगर मेरी बेटी किसी नेता की होती, तो क्या उसे बचा लिया जाता?"

गौरतलब हो कि बीते दिन विदेश मंत्रालय ने दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि संयुक्त अरब अमीरात में भारतीय दूतावास को 28 फरवरी 2025 को यूएई सरकार से एक आधिकारिक संदेश मिला कि शहजादी को दी गई मौत की सजा को संयुक्त अरब अमीरात के कानूनों और नियमों के अनुसार 15 फरवरी 2025 को पूरा कर दिया गया था.

जस्टिस सचिन दत्ता ने इस घटनाक्रम को 'बेहद दुर्भाग्यपूर्ण' बताया. अदालत में एडिशनल सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने बताया, 'यह मामला अब समाप्त हो चुका है. शहजादी को 15 फरवरी को फांसी दे दी गई थी. उनके सुपुर्द-ए-खाक की प्रक्रिया 5 मार्च को होगी.'

दरअसल, शहजादी के पिता शब्बीर खान, जो उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के निवासी हैं, ने अदालत में याचिका दायर कर अपनी बेटी की स्थिति की जानकारी मांगी थी. उनका कहना था कि उन्हें स्पष्ट सूचना नहीं मिल रही थी और विदेश मंत्रालय (MEA) से बार-बार संपर्क करने के बावजूद कोई ठोस जवाब नहीं मिला.

इनपुट- चिराग गोठी
Live TV

Advertisement
Advertisement