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'कहां गई वसुधैव कुटुंबकम की भावना?', संभल मस्जिद विवाद पर शिया धर्मगुरु ने RSS चीफ मोहन भागवत के बयान का दिया हवाला

शिया धर्म गुरु ने उपचुनाव को लेकर कहा कि कुंदरकी में बीजेपी को सबसे ज्यादा मुसलमान ने वोट दिया है, लेकिन ऐसी क्या जल्दबाजी थी कि मतगणना के दूसरे दिन आप सर्वे पर उतारू हो गए. वहां के जो जिम्मेदार मुस्लिम उलेमा थे उनसे भी बातचीत नहीं की, इतनी जल्दबाजी करने की क्या जरूरत थी?

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शिया धर्म गुरु कल्बे सिब्तैन
शिया धर्म गुरु कल्बे सिब्तैन

यूपी के संभल में हुई हिंसा को शिया धर्म गुरु कल्बे सिब्तैन ने बेहद अफसोसनाक बताया है. उन्होंने कहा कि घटना बहुत दुखद है और ऐसी घटनाएं लगातार हो रही हैं. आम मुसलमान के दिल में यह बात घर कर गई है कि अब उनकी मस्जिदों को टारगेट किया जा रहा है. पहले तो तीन या चार मस्जिदों पर विवाद की बात कही जा रही थी लेकिन अब यह फैशन हो गया है, चलन हो गया है. 

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बकौल कल्बे सिब्तैन- कभी भी, किसी भी मस्जिद के लिए लोग न्यायालय चले जाते हैं और फिर वहां पर सर्वे की बात की जाती है. अफसोजनक है कि बिना मुस्लिम पक्ष को सुने एक पक्षीय कार्रवाई करते हुए सर्वे का हुक्म दे दिया जाता है, जो अधिकारी हैं वह भी कोई देर नहीं करते और सर्वे करने पहुंच जाते हैं. 

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान का हवाला देते हुए शिया धर्म गुरु बोले- उन्होंने कहा था कि हर मस्जिद में मंदिर ढूंढने की कोशिश ना की जाए. लेकिन हैरत की बात है संघ प्रमुख जैसे महत्वपूर्ण व्यक्ति के बयान को भी अनसुना किया जा रहा है और मस्जिदों को निशाना बनाने की कोशिश की जा रही है. 

इसका तो एक ही इलाज है कि अब जितने भी हमारी मस्जिद हैं उनकी चाबियां जाकर ऐसे संगठनों को दे दें और कहें कि आप इन तमाम मस्जिदों की चाबियां रखिए और हम लोग अपने घर पर नमाज पढ़ लेंगे. 

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शिया धर्म गुरु कल्बे सिब्तैन ने कहा कि यह बहुत चिंता की बात है कि करोड़ों मुस्लिम अल्पसंख्यक के दिल में यह बात घर कर जाए, विश्वास बैठ जाए कि उनके मस्जिद को टारगेट किया जा रहा है. ये चीज 'वसुधैव कुटुंबकम' की भावना के खिलाफ है. 

कोई भी पार्टी हो, चाहे वह बीजेपी हो या समाजवादी पार्टी हो, उसको राजधर्म निभाना चाहिए, सबके साथ इंसाफ करना चाहिए. यही इस देश का हमेशा का चलन है, यही इस देश की परंपरा है. 

कल्बे सिब्तैन ने संभल की जामा मस्जिद के सर्वे पर कहा कि आमतौर पर जब कोई टीम अंदर जाती है खासकर जब कोई धार्मिक मामला होता है या धार्मिक स्थल होता है तो वहां के लोगों के जज्बात बहुत बढ़ जाते हैं. कुछ लोग इसका फायदा उठाते हैं, कुछ भावनाओं में बह जाते हैं. किसी भी माहौल को खराब करने के लिए तीन-चार लोग काफी होते हैं. 

उन्होंने कहा कि संभल में रविवार को हुई इस घटना की न्यायिक जांच होनी चाहिए. किसी के साथ नाइंसाफी नहीं होनी चाहिए. क्योंकि पहले ही तीन नौजवानों को गोली लगने से मौत हो गई है, तो भावनाएं वहां पर भी बहुत आहत हुई हैं. अब ऐसी कोई बात नहीं होनी चाहिए जिससे लगे कि मुस्लिम वर्ग के साथ नाइंसाफी हो रही है. 

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शिया धर्म गुरु ने उपचुनाव को लेकर कहा कि कुंदरकी में बीजेपी को सबसे ज्यादा मुसलमान ने वोट दिया है, लेकिन ऐसी क्या जल्दबाजी थी कि मतगणना के दूसरे दिन आप सर्वे पर उतारू हो गए. वहां के जो जिम्मेदार मुस्लिम उलेमा थे उनसे भी बातचीत नहीं की, इतनी जल्दबाजी करने की क्या जरूरत थी? इतनी जल्दबाजी जब की जाती है उससे संदेह पैदा होता है कि इसके पीछे कोई ना कोई साजिश है.  
फिलहाल, जो जिम्मेदार पुलिस अफसर हैं, एजेंसी है वह जांच करें और पूरे इंसाफ के साथ लोगों को न्याय मिले. जो दोषी हैं उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए लेकिन जो बेगुनाह है उनको परेशान ना किया जाए. 

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