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फ्री में गोलगप्पे न खिलाने पर दुकानदार की पिटाई, इलाज के दौरान हुई मौत

उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक गोलगप्पे बेचने वाले को फ्री में गोलगप्पे न खिलाने पर उसकी इस कदर पिटाई की गई कि उसने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. परिजनों ने दबंगों के खिलाफ थाने में एफआईआर करा दी है. पुलिस का कहना है की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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प्रतीकात्मक फोटो.
प्रतीकात्मक फोटो.

उत्तर प्रदेश के कानपुर में गोलगप्पे बेचने वाले को फ्री में गोलगप्पे न खिलाने पर उसकी पिटाई कर दी गई. आनन-फानन में लोगों ने उसे अस्पताल ले गए. मगर, ईलाज के दौरान गोलगप्पे बेचने वाले ने दम तोड़ दिया. परिजनों ने दबंगों के खिलाफ पुलिस को तहरीर दी है. पुलिस का कहना है की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी.

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दरअसल, कानपुर देहात के मूसानगर में रहने वाले 40 साल के प्रेमचंद निषाद अपनी पत्नी शशि देवी, बेटे अनुज, बेटी मानसी, प्रियांशी और दिव्यांशी के साथ चकेरी के सफीपुर कैलाश चंद्र के मकान में किराए के मकान में काफी दिनों से रह रहा था.

दबंगों ने रोका और कहा फ्री में खिलाएं गोलगप्पे

प्रेम चंद्र अपने परिवार के पालन पोषण के लिए ठेले पर गोलगप्पे बेचकर परिवार चलता था. आरोप है की रविवार देर रात जब प्रेम चंद्र ठेला लेकर घर लौट रहा था, तभी सफीपुर मोड़ के पास खड़े दबंगों ने उसे रोका और फ्री में गोलगप्पे खिलाने को कहने लगा.

दबंगों ने गाली गलौज के साथ की जमकर पिटाई

इस पर प्रेमचंद्र ने विरोध किया. तभी दबंगों ने गाली गलौज कर उसकी जमकर पिटाई कर दी. लोगों के बीच बचाव करने पर जब वह घर पहुंचे, तो उन्होंने इस घटना की बात अपनी पत्नी को बताई. तभी रात में अचानक प्रेमचंद की हालत अचानक बिगड़ गई. इसके बाद परिजन उन्हें अस्पताल लेकर पहुंचे . पहले प्राइवेट अस्पताल ले गए वहां से उन्हें उर्सला अस्पताल ले जाया गया . 

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इलाज के दौरान डॉक्टर ने किया मृत घोषित

वहां इलाज के दौरान डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. परिजनों के आरोप पर अगले दिन सुबह घटना की जानकारी देने पर पुलिस पहुंची. इसके बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. परिजनों ने दबंगों के खिलाफ पीट-पीटकर हत्या का आरोप लगाया है.

मामले में पुलिस ने कही ये बात

चकेरी थाना प्रभारी अशोक दुबे ने बताया कि प्रथम दृष्टिकोण में मृतक के शरीर पर बाहरी कोई भी ऐसी चोट के निशान नहीं मिले हैं, जिससे यह प्रतीत हो कि उसकी पीट-पीटकर हत्या की गई है. मामला पेशबंदी का भी है, क्योंकि जिस पर हत्या का आरोप लगाया जा रहा है, उसने मृतक के भतीजे के खिलाफ एससी-एसटी के साथ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था. फिलहाल पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी.

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