मेरठ से ठगी का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. जहां 71 साल के रिटायर्ड बैंक कर्मचारी को मनी लॉन्ड्रिंग का खौफ दिखाकर एक करोड़ 73 लाख रुपये ठगे गए. आरोपियों ने चार दिन तक बुजुर्ग को डिजिटल अरेस्ट किया फिर ऑन लाइन एक करोड़ 73 लाख रुपये अपने खाते में डलवाए. पीड़ित को जब ठगी का एहसास हुआ तो उसने साइबर थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई.
यह मामला सिविल लाइन थाना क्षेत्र का है, जहां पांडव नगर में रहने वाले बुजुर्ग सूरज प्रकाश को साथ ठगी की गई. वो रिटायर्ड सरकारी बैंक के कर्मचारी हैं. पीड़ित ने साइबर थाने में तहरीर दी है कि उन्हें डिजिटल अरेस्ट कर बदमाशों ने लगभग 1 करोड़ 73 लाख की ठगी की.
बुजुर्ग को डिजिटल अरेस्ट कर ठगे एक करोड़ 73 लाख
बुजुर्ग सूरज प्रकाश ने बताया कि 17 सितंबर को कॉल आई थी. जिसमें कॉलर ने खुद को टेलीकॉम विभाग से बताते हुए कहा कि आपके सभी रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर बंद किए जा रहे हैं. आपके आधार कार्ड का इस्तेमाल कर कैनरा बैंक में एक खाता खोला गया है. जिसमें 6.80 करोड़ रुपये मनी लॉन्ड्रिंग के आए हैं.
इसके अलावा पीड़ित ने बताया कि वाट्सऐप नंबर पर कॉल आई और कॉलर ने बताया कि उनके खिलाफ महाराष्ट्र में रिपोर्ट दर्ज हुई है. साथ ही उन्हें जेल भेजने की धमकी भी दी गई. साथ ही घर से बाहर निकलने पर भी रोक लगाई गई. 18 सितंबर को उनके एक बैंक खाते में एक बार 3.80 लाख और दूसरी बार 5 लाख रुपये ट्रांसफर कराए. 20 सितंबर को एक बैंक खाते में 90 लाख रुपये, 21 सितंबर को एक बैंक खाते में 45 लाख रुपये और दूसरे बैंक खाते में 30 लाख रुपये ट्रांसफर कराए गए.
पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की
इस तरह कुल 4 दिन में उन से 1 करोड़ 73 लाख 80 हजार रुपये की ऑनलाइन ठगी की गई. जब उन्हें ठगी का अहसास हुआ तो तब तक काफी देर हो चुकी थी. सूरज प्रकाश की तहरीर पर मेरठ के साइबर थाने में रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए ठगी करने वाले लोगों के बैंक खाते सीज करने के लिए बैंक को पत्र लिखा है.
इस मामले पर एसएसपी डॉ. विपिन ताडा का कहना है कि साइबर थाने में आकर एक व्यक्ति ने बताया गया कि उन पर महाराष्ट्र में एक मनीलॉन्ड्रिंगो का केस दर्ज किया गया है और उनसे कहा गया कि बचने के लिए उन्हें आरबीआई के एकाउंट में पैसा ट्रांसफर करना होगा. इस बहकावे में आकर उन्होंने अपने एकाउंट से करीब एक करोड़ 73 लाख रुपये आरोपी के अकाउंट में ट्रांसफर किए. तत्काल आरोपी के एकाउंट को फ्रीज कराया गया है और साइबर थाने द्वारा इसमें दो टीम में गठित की गई हैं.