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आध्यात्मिक गुरु से विवाद और चेले से संबंध... सीतापुर में पत्रकार मर्डर केस में पुलिस की हर थ्योरी पत्नी ने नकारी

UP News: सीतापुर में पत्रकार मर्डर केस में पुलिस ने कई लेखपाल, रिटायर्ड फौजी, कुछ अपराधियों समेत करीब 25 लोगों को हिरासत में लिया. लगभग 50 से अधिक लोगों से पूछताछ की. हजारों फोन कॉल और सीसीटीवी फुटेज खंगाले, लेकिन कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया. अब एक नई जांच थ्योरी सामने आई है. बताया गया है कि हत्या का मामला एक तथाकथित आध्यात्मिक गुरु और उसके चेले से कथित संबंधों से जुड़ा हो सकता है. इस थ्योरी के सामने आने के बाद इसका विरोध शुरू हो गया.

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सीतापुर के पत्रकार और उनकी पत्नी
सीतापुर के पत्रकार और उनकी पत्नी

सीतापुर में पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी की हत्या को एक सप्ताह बीत चुका है, लेकिन पुलिस अब तक इस मामले में किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है. पुलिस द्वारा बार-बार बदलती जा रही जांच की दिशा पर सवाल उठने लगे हैं. पहले खाद्यान्न घोटाला, जमीन की खरीद-फरोख्त और महिला से अवैध संबंधों की थ्योरी लाई गई थी, अब इस केस को आध्यात्मिक गुरु से विवाद और उसके चेले से संबंधों की दिशा में मोड़ने की कोशिश की जा रही है.

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पुलिस की इस नई थ्योरी को खुद मृतक की पत्नी रश्मि बाजपेयी ने खारिज कर दिया है. उन्होंने मीडिया के सामने आकर पुलिस की ओर से बनाई जा रही कहानियों पर असहमति जताई और कहा कि उनका सच्चाई से कोई लेना-देना नहीं है.

क्या है पूरा मामला 

8 मार्च को लखनऊ-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर हेमपुर क्रॉसिंग फ्लाईओवर पर दिनदहाड़े  हमलावरों ने पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस मामले में मृतक की पत्नी द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में आरोप लगाया गया था कि अखबार में छपी खबरें हत्या की प्रमुख वजह थीं. घटना हाईवे पर दिनदहाड़े हुई थी, इसलिए पुलिस पर जबरदस्त दबाव है.

मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने कई लेखपाल, रिटायर्ड फौजी, कुछ अपराधियों समेत करीब 25 लोगों को हिरासत में लिया और लगभग 50 से अधिक लोगों से पूछताछ की. सर्विलांस टीम ने हजारों फोन कॉल खंगाले और सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए, लेकिन कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया.

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पुलिस की नई थ्योरी पर उठ रहे सवाल

गत दो दिनों में सीतापुर पुलिस ने कुछ  पत्रकारों को बुलाकर एक नई जांच थ्योरी पेश की. उन्होंने बिना किसी लिखित प्रेस नोट या बाइट जारी किए बताया कि हत्या का मामला एक तथाकथित आध्यात्मिक गुरु और उसके चेले से मृतक पत्रकार के कथित संबंधों से जुड़ा हो सकता है. इस थ्योरी के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर इसका तीखा विरोध शुरू हो गया.

पत्नी ने क्या कहा : 

ये बाबा का खुलासा हो रहा है एकदम गलत है. ये कहीं पर से सही नहीं है क्योंकि ये बड़े राजनीतिक लोग सब अपने बचाव के लिए कर रहे हैं. बाबा के यहां से उनका लेना देना कुछ था ही नहीं. वह उनके यहां पूजा करने जाते थे और उनसे कुछ कोई मतलब ही नहीं था.  बृहस्पति की रात को बाबा इनको छोड़ने आए थे. फिर  शुक्रवार की सुबह ये पूजा करने गए हैं. शनिवार को जिस दिन मर्डर हुआ है उस दिन भी पूजा करने गए थे. जब ऐसी स्थिति थी तो ये बाबा के यहां पूजा करने क्यों जाते. पत्नी ने सवाल किया है कि जब बाबा पर शक था तो पहले बाबा को क्यों नहीं पकड़ा. पत्नी ने लखीमपुर वाली थ्योरी पर भी सवाल खड़ा किया. पत्नी का कहना है कि रुद्राभिषेक छब्बीस तारीख को हुआ है और नौ फरवरी को एक लड़के का इलाज करवाने वहां गए थे और एक बार  मेढक बाबा के यहां पूजा करवाने गए है. यही तीन लोकेशन पुलिस को मिली. इसके अलावा लखीमपुर का कोई कनेक्शन नहीं है.

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