विपक्षी दलों को एकजुट करने के लिए इंडिया गठबंधन का मंच सज चुका है, जिसके लिए नेताओं ने राजधानी आना शुरू कर दिया है. दिल्ली से पहले इस महागठबंधन की पटना, बेंगलुरु और मुंबई में मीटिंग हो चुकी है. अब दिल्ली में होने वाले इंडिया गठबंधन की बैठक में अखिलेश यादव यूपी की अगुवाई का अपना खाका रखेंगे.
सूत्रों के मुताबिक, अखिलेश यादव यूपी में अपनी पार्टी और गठबंधन में शामिल अन्य दलों के लिए सीटों का फार्मूला लेकर आ रहे हैं. अखिलेश का फार्मूला है कि सभी दल अपनी ताकत और हैसियत के हिसाब से उत्तर प्रदेश में सीटें लें, न की सिर्फ अपना नंबर बढ़ाने के लिए सीट मांगें.
उनका मानना है कि सीट बंटवारे का एकमात्र फार्मूला जीत की गारंटी होनी चाहिए यानी जो उम्मीदवार जीतने की ताकत और हैसियत रखता है. उसे टिकट मिलना चाहिए, फिर वह चाहे किसी पार्टी का हो.
अखिलेश यादव ने कहा था कि उत्तर प्रदेश की सभी 80 सीटों पर बीजेपी को हराने का फार्मूला उनका पीडीए तैयार कर रहा है जो कि आई.एन.डी.आई.ए के बैनर तले लड़ा जाएगा.
सीटों के बंटवारे पर होगी बात?
मंगलवार को होने वाले आई.एन.डी.आई.ए की बैठक में इस बात पर जोर होगा की सीटों का बंटवारा गठबंधन के घटक दलों के बीच कैसे हो? और यहीं पर अखिलेश यादव पूरे उत्तर प्रदेश में सीट बंटवारे में अपना नेतृत्व चाहते हैं यानी उनकी अगुवाई में ही घटक दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर सहमति बने.
अखिलेश को नाराज नहीं करना चाहती कांग्रेस
वहीं, हिंदी पट्टी के तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस पार्टी बैकफुट पर है और यही अखिलेश यादव के लिए प्लस प्वाइंट बन गया है. कांग्रेस भी अखिलेश को नाराज करने के मूड में नहीं है. इस का अंदाजा बीती शाम पार्टी मुख्यालय में हुई यूपी कांग्रेस और कांग्रेस आलाकमान की बैठक से लगाया जा सकता है, इस बैठक से इशारा मिला है कि कांग्रेस पार्टी उत्तर प्रदेश में अब समाजवादी पार्टी के साथ तल्खी नहीं चाहेगी और आपसी समझौते से ज्यादा हिस्सा लेने की कोशिश करेगी.
कांग्रेस की इस बैठक में बैठक में 'गठबंधन धर्म' निभाने पर भी फोकस रहा, जिससे साफ दिखाई देता है कि कांग्रेस पार्टी अब उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी पर दबाव बनाने की स्थिति में नहीं है और न ही उसके पास बसपा के साथ गठबंधन करने का कोई पका पकाया फार्मूला तैयार है. ऐसे में अब अखिलेश यादव गठबंधन में अपने फार्मूले को लेकर भारी पड़ सकते हैं.
गठबंधन में BSP की एंट्री चाहते हैं कांग्रेस नेता
कांग्रेस के अधिकतर नेताओं ने मौजूदा गठबंधन (सपा, RLD) के साथ ही चुनाव लड़ने पर जोर दिया तो कुछ नेता इस गठबंधन में BSP को भी शामिल करने की वकालत कर रहे हैं, लेकिन मायावती के रुख को देखते हुए BSP के साथ आने को लेकर संशय बरकरार है.