उत्तर प्रदेश के कानपुर चिड़ियाघर में सोमवार को समाजवादी पार्टी विधायक अमिताभ बाजपेई पहुंचे. वे यहां आरिफ के दोस्त सारस से मिलने आए थे. इस दौरान उनके हाथ में सारस को खिलाने के लिए खाना और आरिफ के साथ सारस का फोटो था. मगर, अमिताभ बाजपेई की सारस से मुलाकात न हो पाई.
इसके बाद अमिताभ बाजपेई ने कहा कि वो सारस का धर्म पता करने की कोशिश कर रहे हैं. न मिलने देने के पीछे भी कोई धार्मिक कारण हो सकता है. जानकारी के मुताबिक, प्रोटोकॉल के चलते सारस से 15 दिनों के लिए क्वॉरेंटाइन किया गया है. सारस से कीपर के अलावा कोई नहीं मिल सकता है और न ही पास जा सकता है.
मौजूदा सरकार मनुष्यों के साथ पक्षियों बंदी बना रही- विधायक
एसपी नेता अमिताभ बाजपेई ने 'यूपी तक' से बातचीत करते हुए आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार पहले मनुष्यों को बंदी बना रही थी. अब पक्षियों को भी बंदी बनाना शुरू कर दिया है. मनुष्य और पक्षियों के बीच में इस प्रेम के भाव को प्रमोट करना चाहिए, न कि इस तरीके के फैसले लेने चाहिए.
सारस का धर्म पता करने की कर रहे हैं कोशिश
सपा विधायक ने साथ ही यह भी आरोप लगाया कि प्रोटोकॉल की व्यवस्था के बारे में जानते हैं. यह व्यवस्था कितनी असली है और कितनी फर्जी. वह सारस का धर्म पता करने की कोशिश कर रहे हैं. हो सकता है इसके पीछे भी कोई धार्मिक कारण हो. साथ ही आरिफ के ऊपर जो भी कार्रवाई हो रही है, वह उसके नाम की वजह से हो रही है.
क्वॉरेंटाइन खत्म होने के बाद वापस आएंगे
'यूपी तक' से बातचीत करते हुए अमिताभ बाजपेई ने आगे बताया कि उसके दोस्त का नाम आरिफ है. इसीलिए उसकी फोटो नहीं लगाया जा रही है. मैं यह फोटो इसलिए लेकर आया हूं, ताकि सारस अपने दोस्त को देखे और खाना खाने लगे. वे क्वॉरेंटाइन खत्म होने के बाद वापस आएंगे, ताकि मनुष्य और पशु के बीच का जो ये संदेश है, वो मिले.
वहीं, चिड़ियाघर के डायरेक्टर केके सिंह का कहना है कि अभी सारस को प्रोटोकॉल के चलते 15 दिन के लिए क्वॉरेंटाइन किया गया है. उससे कीपर के अलावा कोई नहीं मिल सकता, न ही पास जा सकता है. मगर, अमिताभ ने उन्हें पक्षियों का खाना सारस को पहुंचाने को कहा. साथ ही कहा कि आरिफ की तस्वीर उसके बारे में लगाई जाए. इससे उसकी मायूसी कम हो और वह खाना खाने लगे. इसके बाद प्रोटोकॉल का हवाला देते हुए फोटो लगाने से भी मना कर दिया.