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धर्मांतरण पर सीएम योगी के बयान पर सपा सांसद का पलटवार, कहा- इनको देश की फिक्र नहीं

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नोएडा में गेमिंग के जरिए धर्मांतरण कराए जाने का मुद्दा उठाया था. इसको लेकर समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा कि इनको (सीएम) देश सुधारने की फिक्र नहीं बल्कि इस बात में दिलचस्पी है कि मुसलमानों के बच्चे कैसे फंसे. मुसलमानों की सच्ची बातों पर भी ऐतबार नहीं किया जाता है.

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सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क और सीएम योगी आदित्यनाथ.
सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क और सीएम योगी आदित्यनाथ.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नोएडा में रविवार को गेमिंग के जरिए धर्मांतरण कराए जाने का मुद्दा उठाया था. इसको लेकर सम्भल के समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने पलटवार किया है. सांसद ने कहा कि इनको देश सुधारने की फिक्र नहीं बल्कि इस बात में दिलचस्पी है कि मुसलमानों के बच्चे कैसे फंसे.

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सांसद ने कहा कि देश के अंदर भुखमरी, महंगाई, बेरोजगारी है. लोगों के पास अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए पैसे नहीं है. मगर, इनको फिक्र मुसलमानों और उनके बच्चों को फंसाने की है. मुसलमानों को जानबूझकर फंसाने की कोशिश हो रही है. समाज पहले से ही जागरूक है और समाज अपने हालात को खुद जानता है. मगर, पीएम मोदी नफरत की पॉलिसी बताकर देश को ऐसे नहीं बचा सकते है. 

'अल्लाह का हुकुम है कि जिस देश में रहो, वफादार रहो'

उन्होंने आगे कहा कि हम मिटने वाले नहीं हैं. हमारे अल्लाह का हुकुम है कि जिस देश में रहो वहां के वफादार बनकर रहो. इस देश को बचाने के मुसलमानों ने जान, माल और फांसी पर लटककर कुर्बानियां दी हैं. मुसलमानों ने सीने पर गोलियां खाई हैं. मगर, मुसलमानों की सच्ची बातों पर भी ऐतबार नहीं किया जाता है. ये लोग झूठे झूठे मामले निकालकर उसमें मुसलमानों को फंसाने की कोशिश करते हैं.

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सीएम योगी ने कही थी ये बात

सीएम योगी आदित्यनाथ ने नोएडा में एक कार्यक्रम में धर्मांतरण के मुद्दों को उठाया और कहा कि हमारी पुलिस ने एक ऐसा मामला पकड़ा है, जिसमें स्मार्टफोन में गेमिंग ऐप के जरिए धर्म परिवर्तन किया जा रहा था. ये बहुत बड़ा गिरोह है. भोले-भाले बच्चों को स्मार्टफोन देकर ये किया जा रहा है.

सीएम योगी ने कहा कि ये गिरोह सिर्फ यूपी तक सीमित नहीं है बल्कि देश के करीब 25 राज्यों में फैला है. गिरोह के लोग गेमिंग के जरिए अपना शिकार बनाते थे. हमने दिल्ली और मुंबई में देखा है कि किस प्रकार लड़कियों की हत्या कर दी जाती है. जब ऐसी घटनाएं यूपी में देखीं तो हम अध्यादेश लेकर आए. कानून अपना काम करेगा. मगर समाज को भी जागरूक करना होगा.

 

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