उत्तर प्रदेश के नोएडा में आध्यात्मिक गुरु कृपालु महाराज की बड़ी बेटी डॉ. विशाखा त्रिपाठी (75) की रविवार को यमुना एक्सप्रेसवे पर एक सड़क हादसे में मौत हो गई. वे अपनी बहनों और अन्य पांच लोगों के साथ वृंदावन से दिल्ली जा रही थीं, जब दनकौर इलाके में उनकी कार को एक कैंटर ट्रक ने टक्कर मार दी.
विशाखा त्रिपाठी अपनी दो छोटी बहनों और पांच अन्य लोगों के साथ दो कारों में सवार होकर वृंदावन से यमुना एक्सप्रेसवे होते हुए दिल्ली जा रही थीं. वहां से उन्हें सिंगापुर जाना था. मगर, रविवार सुबह दनकौर इलाके में एक कैंटर चालक ने दोनों कारों को टक्कर मार दी. इस हादसे में महाराज की तीन बेटियों समेत आठ लोग गंभीर रूप से घायल हो गए.
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पीड़ितों को इलाज के लिए नोएडा और दिल्ली के अस्पतालों में भर्ती कराया गया, जहां विशाखा त्रिपाठी की मौत हो गई. पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि उनकी बहनों कृष्णा त्रिपाठी और श्यामा त्रिपाठी को दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.
जगद्गुरु कृपालु परिषत् ने शोक संदेश में कहा कि अत्यंत दुख के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि भक्ति धाम की अध्यक्ष डॉ. विशाखा त्रिपाठी का दुर्भाग्यवश निधन हो गया है और उनका अंतिम संस्कार वृंदावन में किया जाएगा.
आध्यात्मिक गुरु और उनका परिवार उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के मानगढ़ (कुंडा) के निवासी थे. विशाखा त्रिपाठी प्रतापगढ़ में आश्रम की देखभाल करती थीं, जबकि उनकी दो छोटी बहनें वृंदावन और बरसाना में मंदिरों की देखभाल करती थीं.