मुरादाबाद से समाजवादी पार्टी के सांसद डॉक्टर एसटी हसन का कहना है कि मुख्तार अंसारी की मौत नेचुरल हुई या फिर पॉलिटिकल मर्डर यह मैटर ऑफ इंक्वायरी है. हम मांग करते हैं कि मुख्तार अंसारी की मौत के मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के सेटिंग जज की निगरानी में होनी चाहिए. जिससे दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा. हम सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा भी करते हैं और सम्मान भी करते हैं. लेकिन रिटायर्ड जज इसकी जांच न करें.
इसके अलावा डॉक्टर एसटी हसन ने कहा कि मुख्तार अंसारी के बिसरा की जो जांच हो रही है. वह भी उत्तर प्रदेश से बाहर किसी लैब में होनी चाहिए. इससे साफ हो जाएगा कि उन्हें पॉइजन दिया गया था या नहीं. बता दें, बाहुबली और माफिया मुख्तार अंसारी की गुरुवार की रात रानी दुर्गावाती अस्पताल में मौत हो गई थी. बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी की तबीयत बिगड़ने के बाद करीब साढ़े आठ बजे मेडिकल कॉलेज लाया गया. जहां 9 डॉक्टरों की टीम उसके इलाज के लिए जुटी लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका था.
नेचुरल हुई या फिर पॉलिटिकल मर्डर सुप्रीम कोर्ट करे जांच
बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी की मौत के मामले में परिवार के लोग सवाल उठा रहे हैं. मुख्तार के बेटे और भाई का आरोप है कि उसे 'स्लो पॉइजन' दिया गया है. इस बीच बाराबंकी कोर्ट में बांदा जेल प्रशासन पर एफआईआर करवाने के लिए तहरीर दी गई है. बाराबंकी कोर्ट में मुख्तार के वकील ने एफआईआर दर्ज करने की तहरीर दी है, जिसमें लिखा है कि 'मृत्युकालीन कथन' के आधार पर जेल प्रशासन पर मुकदमा दर्ज किया जाए.
जेल प्रशासन पर एफआईआर दर्ज कराने की अर्जी
मुख्तार के वकील रणधीर सिंह सुमन ने बताया कि MP– MLA कोर्ट में जज के समक्ष दिए गए प्रार्थना पत्र को 'मृत्युकालीन कथन' मान कर मुकदमा दर्ज करने की अर्जी दी गई है. जिस पर जज ने फैसले को रिजर्व करते हुए अगली तारीख 4 अप्रैल लगा दी है.