गाजियाबाद के विजयनगर में सवा साल की एक मासूम बच्ची पर आवारा कुत्तों ने हमला कर दिया. बच्ची के चेहरे को बुरी तरह से नोच लिया था. इस घटना के बाद पीड़िता परिवार को बच्ची के इलाज के लिए दर-दर भटकना पड़ा. पीड़ित बच्ची के पिता ने बताया कि वो बेटी को इलाज के लिए एमएमजी अस्पताल लेकर गए थे.
वहां से उन्हें नोएडा ट्रॉमा सेंटर चाइल्ड अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया था. पीड़ित परिवार का कहना है कि इस दौरान दोनों अस्पतालों ने उनकी बच्ची को रेबीज का इंजेक्शन तक नहीं लगाया. एमएमजी अस्पताल में बच्ची को सिर्फ एटीएस का इंजेक्शन लगाया और पट्टी बांदकर नोएडा अस्पताल रेफर कर दिया.
ट्रॉमा सेंटर में डॉक्टरों ने बच्ची के पिता से कहा कि उनके पास रेबीज का इंजेक्शन नहीं है. इसलिए आपको कहीं बाहर से लगवाना होगा. इसके बाद एक निजी डॉक्टर से बच्ची को रेबीज का इंजेक्शन लगवाया गया. जब इस मामले ने तूल पकड़ा तो गाजियाबाद स्वास्थ विभाग हरकत में आया और जिला अस्पताल में बच्ची की सर्जरी हुई.
डेढ़ घंटे तक चली सर्जरी
बच्ची को काटे जाने के बाद 2 दिन बीत चुके थे. इसलिए उसके जख्म काफी हद तक सूखकर खराब होने लगे थे. ऐसे में करीब डेढ़ घंटे तक चली लंबी सर्जरी के बाद बच्ची के चेहरे से खराब टिशू हटाए गए.
सर्जरी के दौरान डॉक्टरों ने जख्मों के टिशू और खराब स्किन को हटाकर बच्ची के चेहरे पर टांके लगाए. जिला अस्पताल में कोई प्लास्टिक सर्जन उपलब्ध नहीं था. इसलिए डॉक्टर महेंद्र कुमार और ईएनटी सर्जन डॉक्टर राकेश कुमार ने बच्ची का ऑपरेशन किया.
गाजियाबाद जिला एमएमजी अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर मनोज कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि ऑपरेशन के बाद बच्ची को बच्चा वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है. बच्ची को करीब 60-70 टांके लगाए गए हैं. अब बच्ची के पूरे इलाज का खर्च गाजियाबाद स्वास्थ्य विभाग द्वारा मुहैया कराया जा रहा है.