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3 महिलाओं ने शादी के नाम पर दरोगा को लूटा, जानें क्या है पूरा मामला?

UP News: बस्ती जिले से एक दरोगा से ठगी का मामला सामने आया है. दरोगा बलराम यादव की शादी कुछ लोगों ने करवाई थी. शादी के कुछ दिन बाद उनके घर से सारा कीमती सामना उठा लिया गया. जब पीड़ित बलराम थाने में इसकी शिकायत लेकर पहुंचे उनकी किसी ने कोई मदद नहीं की. लेकिन कोर्ट के आदेश के स्थानीय थाने में मामला दर्ज हुआ.

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(प्रतीकात्मक फोटो)
(प्रतीकात्मक फोटो)

उत्तर प्रदेश की बस्ती से जिले अजीबो-गरीब मामला सामने आया है. जहां पुलिस लाइन में तैनात दरोगा को तीन महिलाओं ने ठग लिया. जब दरोगा ठगी शिकायत थाने दर्ज कराने थाने पहुंचे तो उनकी बात नहीं सुनी गई. इससे दुखी होकर दरोगा जी ने न्यायालय का रुख किया. फिर कोर्ट के आदेश के बाद कोतवाली पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया और आरोपियों को पकड़ने में जुट गई. 

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जानकारी के मुताबिक, दरोगा बलराम यादव की शादी कुछ लोगों ने करवाई थी. शादी के कुछ दिन बाद उनके घर से सारा कीमती सामना उठा लिया गया. जब पीड़ित बलराम थाने में इसकी शिकायत लेकर थाने पहुंचे तो विभाग ने उनकी कोई मदद नहीं की.  

थाने में दी अपनी तहरीर में पीड़ित दरोगा बलराम यादव ने बताया है कि कोरोना काल में उनकी पत्नी का निधन हो गया था. इसके चलते वह काफी परेशान थे. 31 दिसंबर 2021 को उनके मोबाइल पर एक मिस्ड कॉल आया. फोन गोरखपुर की रहने वाली एक युवती का था. उसने पूछने पर बताया कि पुरानी बस्ती थाने में तैनात एक वाहन चालक ने उनका नंबर दिया है.

महिला ने दरोगा के सामने शादी का प्रस्ताव रखा. इस पर दरोगा ने अपनी उम्र का हवाला देकर मना कर दिया. लेकिन  रेनू यादव ने कहा कि उसे कोई एतराज नहीं है.  

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दूसरे दिन रेनू अपने साथ मां, बहन-बहनोई, पुलिस विभाग में चालक राजेश सिंह यादव समेत वाल्टरगंज थाना में तैनात आरक्षी अक्षय कुमार को लेकर दारोगा के घर पर आए और शादी करने की बात करने लगे. 

7 जनवरी 2022 को इन लोगों ने मिलकर अमहट नदी स्थित मंदिर पर रेनू और बलराम की शादी करा दी. 25 फरवरी 2022 को सभी लोग दरोगा के घर पहुंचे और उसका पर्स, एटीएम और रुपये लेकर चले गए. बलराम को रेनू की असलियत पता चली तो उन्होंने 15 मार्च 2022 को विशेष विवाह अधिकारी के समक्ष दिए गए प्रार्थना पत्र को निरस्त करवा लिया. 

इसके बाद रेनू, दरोगा को ब्लेकमेल कर उगाही करने लगी. एक दिन आरोपी दरोगा के घर पहुंचे और सारा सामान उठकर अपने साथ ले गए. इसके वह इस मामले की शिकायत दर्ज कराने थाने पहुंचे, लेकिन उनकी नहीं सुनी गई. फिर न्यायालय ने साक्ष्यों का अवलोकन के बाद कोतवाली पुलिस को रेनू, बहन नीलू, मां शीला, बहनोई राजेश सिंह यादव और अक्षय के खिलाफ केस दर्ज कर विवेचना करने का निर्देश दिया. 

इस मामले पर अपर पुलिस अधीक्षक ने कहा कि सब-इंस्पेक्टर बलराम यादव के द्वारा न्यायालय के माध्यम से एक एफआईआर दर्ज कराई गई है. जिसमें कहा गया है कि कुछ लोगों ने शादी का झांसा देकर उनका सारा सामान हड़प लिया. मामले की जांच जा जारी है इसमें जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसी के हिसाब से आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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