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चार हाथ वाली लक्ष्मी कैसे पैदा हो सकती है? दिवाली पर स्वामी प्रसाद मौर्य का विवादित ट्वीट

समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर हिंदू देवी देवताओं को लेकर विवादित बयान दिया है. इस बार उन्होंने माता लक्ष्मी को लेकर विवादित बयान दिया और कहा कि चार हाथ,आठ हाथ, दस हाथ, बीस हाथ व हजार हाथ वाला बच्चा आज तक पैदा ही नहीं हुआ तो चार हाथ वाली लक्ष्मी कैसे पैदा हो सकती है.

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स्वामी प्रसाद मौर्या ने फिर दिया विवादित बयान
स्वामी प्रसाद मौर्या ने फिर दिया विवादित बयान

अपने विवादित बयानों की वजह से सुर्खियों में रहने वाले समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्या ने एक बार फिर हिंदू देवी-देवताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी की है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य कुछ तस्वीरें पोस्ट की जिसमें वह दिवाली के दिन अपनी पत्नी को टीका लगाते हुए नजर आ रहे हैं.

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एक्स पर पोस्ट की तस्वीरें

फोटोज के साथ पोस्ट में उन्होंने लिखा,  'दीपोत्सव के अवसर पर अपनी पत्नी का पूजा व सम्मान करते हुए कहा कि पूरे विश्व के प्रत्येक धर्म, जाति, नस्ल, रंग व देश में पैदा होने वाले बच्चे के दो हाथ, दो पैर, दो कान, दो आंख, दो छिद्रों वाली नाक के साथ एक सिर, पेट व पीठ ही होती है, चार हाथ,आठ हाथ, दस हाथ, बीस हाथ व हजार हाथ वाला बच्चा आज तक पैदा ही नहीं हुआ तो चार हाथ वाली लक्ष्मी कैसे पैदा हो सकती है? यदि आप लक्ष्मी देवी की पूजा करना ही चाहते हैं तो अपने घरवाली की पूजा व सम्मान करें जो सही मायने में देवी है क्योंकि आपके घर परिवार का पालन-पोषण, सुख-समृद्धि, खान-पान व देखभाल की जिम्मेदारी बहुत ही निष्ठा के साथ निभाती है.'

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पहले भी दे चुके हैं विवादित बयान

स्वामी प्रसाद मौर्या पहले भी हिंदू धर्म और देवी देवताओं को लेकर विवादित बयान दे चुके हैं. कुछ दिन पहले ही स्वामी प्रसाद मौर्य ने अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को धोखा बताया था. राराष्ट्रीय बौद्ध महोत्सव के एक कार्यक्रम में रामायण की एक चौपाई पढ़कर मौर्य ने जो विवादित बयान दिया, उसने उन्हें एक बार फिर सुर्खियों में ला दिया है. उन्होंने कहा कि सरकार अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा का ढोंग रचकर युवाओं और देश के लोगों को ठगने का काम कर रही है.  

कुछ दिन पहले ही स्वामी प्रसाद मौर्य को हाईकोर्ट से झटका लगा था. कोर्ट ने रामचरितमानस की प्रतियां जलाए जाने के मामले में राहत देने से मना कर दिया. कोर्ट ने पर्याप्त सबूत होने के चलते मुकदमा खारिज न कर, आगे की कार्रवाई की बात कही थी. स्वामी प्रसाद मौर्य ने मामले में उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले की एक अदालत में उनके खिलाफ चल रही कार्यवाही को रद्द करने की मांग की थी. 

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