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स्वामी प्रसाद मौर्य का एक और विवादित बयान, अब धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ की ये टिप्पणी

यूपी के पूर्व मंत्री और सपा एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य ने अब एक और बयान दिया है. इस बार उन्होंने बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री पर टिप्पणी कर दी. उन्होंने कहा कि धीरेंद्र शास्त्री दिमाग से दिवालिया हैं. ऐसे लोग मंद बुद्धि होते हैं. मालूम हो कि श्रीरामचरितमानस पर अभद्र टिप्पणी करने पर सपा नेता पर केस दर्ज हो चुका है.

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स्वामी प्रसाद मौर्य ने अब धीरेंद्र शास्त्री पर दिया विवादित बयान (फाइल फोटो)
स्वामी प्रसाद मौर्य ने अब धीरेंद्र शास्त्री पर दिया विवादित बयान (फाइल फोटो)

श्रीरामचरितमानस पर विवादित बयान देने के बाद सपा एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य विरोध का सामना कर रहे हैं. इस बीच उन्होंने बागेश्वर धाम की पीठाधीश्वर के खिलाफ टिप्पणी कर दी. उन्होंने कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री को मंदबुद्धि बता दिया. उन्होंने कहा कि वह दिमाग से दिवालिया हैं.

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इससे पहले उन्होंने रामचिरतमानस पर की गई अपनी टिप्पणी पर कहा कि कोई आपत्तिजनक बात नहीं कही है. मैं अपनी बात पर कायम हूं और आगे भी कायम रहूंगा. उन्होंने कहा कि संत महंतों को धर्म आचार्यों को, बड़े-बड़े पुजारी पंडों को अगर गाली नहीं अच्छी लगती है, तो हम को कैसे गाली अच्छी लगेगी. वहीं उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव मुझसे नाराज नहीं हैं. अगर वह मुझे नाराज होते तो मुझसे कुछ कहते.

इससे पहले पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि विशेष जाति के लोग ही उनका विरोध कर रहे हैं. पंडे, पुजारियों को इस बात का डर सता रहा है कि अगर मेरे कहने पर दलित और पिछड़े एक हो गए तो लोग मंदिर आना बंद कर देंगे, जिससे चढ़ावा और पेट पूजा बंद हो जाएगी. उनका धंधा ठप हो जाएगा. 

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स्वामी प्रसाद के इस बयान पर हुआ विवाद

समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने आजतक के साथ बातचीत में कहा था कि कई करोड़ लोग रामचरितमानस को नहीं पढ़ते, सब बकवास है. यह तुलसीदास ने अपनी खुशी के लिए लिखा है.

उन्होंने कहा कि सरकार को इसका संज्ञान लेते हुए रामचरित मानस से जो आपत्तिजनक अंश है, उसे बाहर करना चाहिए या इस पूरी पुस्तक को ही बैन कर देना चाहिए. 

स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि तुलसीदास की रामचरितमानस में कुछ अंश ऐसे हैं, जिनपर हमें आपत्ति है. क्योंकि किसी भी धर्म में किसी को भी गाली देने का कोई अधिकार नहीं है. तुलसीदास की रामायण की चौपाई है. इसमें वह शुद्रों को अधम जाति का होने का सर्टिफिकेट दे रहे हैं.

पुलिस के मुताबिक स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 295 ए, 298, 504 और 153 के तहत दर्ज किया गया है. 

'राम ना रामायण का अपमान किया, चौपाइयों पर आपत्ति'

स्वामी प्रसाद मौर्य का यह भी कहना है कि उन्होंने किसी ग्रंथ या भगवान के खिलाफ कुछ भी नहीं कहा है. बल्कि रामचरितमानस की कुछ चौपाइयों को लेकर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि मैं आज भी अपने बयान पर कायम हूं. हमने रामायण की उन चौपाइयों पर आपत्ति जताई है, जिसमें दलितों और पिछड़ों को अपमानित किया गया है, उस अंश को रामचरितमानस से निकालने की बात कही है.

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