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'किसानों की गलती क्या है?', नई पार्टी बनाने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य का केंद्र पर निशाना

स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि देश बहुत संकट से जूझ रहा है. भारत का संविधान खतरे में है, लोकतंत्र की हत्या हो रही है. एक विशेष जाति के लोगों को पदोन्नति देकर सरकारी नौकरियां दी जा रही हैं. केंद्र सरकार किसानों पर लाठीचार्ज कर रही है, उनकी गलती क्या है? वे सिर्फ एमएसपी की गारंटी मांग रहे हैं.'

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स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपनी अलग पार्टी का गठन कर लिया है
स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपनी अलग पार्टी का गठन कर लिया है

उत्तर प्रदेश के कद्दावर नेताओं में शुमार स्वामी प्रसाद मौर्य ने बुधवार को अपनी नई पार्टी का ऐलान कर दिया. उन्होंने इस पार्टी का नाम राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी रखा है. इसके साथ ही उन्होंने जमकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा और किसान आंदोलन के समर्थन में बयान दिया.

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स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि देश बहुत संकट से जूझ रहा है. भारत का संविधान खतरे में है, लोकतंत्र की हत्या हो रही है. एक विशेष जाति के लोगों को पदोन्नति देकर सरकारी नौकरियां दी जा रही हैं. केंद्र सरकार किसानों पर लाठीचार्ज कर रही है, उनकी गलती क्या है? वे सिर्फ एमएसपी की गारंटी मांग रहे हैं.'

पूर्व सपा नेता ने कहा कि पहले केंद्र ने जीएसटी के नाम पर लोगों का शोषण किया, अब वे ईडी के माध्यम से छोटे व्यापारियों की कमर तोड़ रही है. ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्स का दुरुपयोग किया जा रहा है. विपक्षी नेताओं पर फर्जी मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं. जहां भी विपक्ष की सरकार है, बीजेपी वहां के नेताओं की आवाज दबा रही है.

'केंद्र आरक्षण खत्म करना चाहती है'

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उन्होंने कहा कि आरएसएस या बीजेपी से किसी ने भी आजादी की लड़ाई नहीं लड़ी. बीजेपी सरकार सभी सरकारी एजेंसियों और संगठनों को अडानी और अंबानी को बेच रही है और जब सरकारी संगठन निजी हाथों में जाते हैं, तो वहां आरक्षण का मतलब नहीं होता. वे आरक्षण खत्म करना चाहते हैं. बीजेपी राम का नाम लेकर देश भर में अशांति फैलाने की कोशिश कर रही है. वे रामभक्त नहीं हैं, वे सिर्फ लोगों को वास्तविक मुद्दों से भटकाना चाहते हैं.

बसपा, बीजेपी और फिर सपा भी छोड़ चुके स्वामी प्रसाद

बता दें कि इसी साल 13 फरवरी को स्वामी प्रसाद मौर्य ने समाजवादी पार्टी में महासचिव पद छोड़ दिया था और हाईकमान पर भेदभाव का आरोप लगाया था. वह 20 साल बसपा में बड़े पदों पर रहे और मायावती सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं. इसके बाद 2017 के चुनाव से पहले स्वामी ने पाला बदल लिया था और बीजेपी में शामिल हो गए थे. योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार बनी तो स्वामी को कैबिनेट मंत्री बनाया गया. हालांकि, 5 साल बाद ही उनका बीजेपी से मोहभंग हो गया और 2022 के चुनाव से पहले सपा में शामिल हो गए थे. अब उन्होंने सपा भी छोड़कर अपनी अलग पार्टी का गठन किया है.

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(इनपुट पीयूष मिश्रा)

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