लखनऊ के साहित्यिक और शायरी के क्षेत्र में एक प्रमुख नाम, मुन्नवर राणा के बेटे तबरेज राणा ने हाल ही में अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक शेर लिखा, जिसपर विदाद छिड़ गया है. इस शेर में तबरेज ने मुगलों के इतिहास पर सवाल खड़ा करते हुए कहा, "मुगलों को हिंदुओं से इतनी नफरत होती तो जोधाबाई से अकबर शादी नहीं करते. वह भी लव जिहाद था."
इस तंज भरे शायरी के बाद तबरेज राणा को आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है. उनके इस शेर को लेकर लोग अलग-अलग राय जाहिर कर रहे हैं. सोशल मीडिया पर ही कुछ लोगों का मानना है कि यह एक ऐतिहासिक गलत बयानी है जो समाज में भ्रम फैला सकता है, जबकि कुछ लोग इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के रूप में देख रहे हैं.
यह भी पढ़ें: राहुल गांधी के नागरिकता केस में आज हाइकोर्ट की लखनऊ बेंच में अहम सुनवाई... जानिए क्या है मामला
तबरेज राणा द्वारा शेयर की गई शायरी, और उसका मतलब:
"हमारी दोस्ती से दुश्मनी शर्मायी रहती है" - हमारी दोस्ती इतनी मजबूत है कि दुश्मनी भी हमारे सामने शर्मिंदा हो जाती है.
"हम अकबर हैं, हमारे दिल में जोधाबाई रहती है" - हमारे दिल में प्रेम और सहिष्णुता की भावना है, जैसे अकबर और जोधाबाई की प्रेम कहानी में है.
"ख़ुदा मेहफूज़ रक्खे मुल्क को गन्दी सियासत से" - भगवान देश को गंदी राजनीति से बचाए रखे.
"शराबी देवरों के बीच में भौजाई रहती है" - एक अच्छी और संस्कारी महिला (भौजाई) अपने परिवार के सदस्यों के बीच में रहती है, जो शराबी और अन्य बुरी आदतों से ग्रस्त हैं.
"मेरी सोहबत में भेजो ताके इसका डर निकल जाय" - मेरे साथ समय बिताने से आपको डर और चिंता से मुक्ति मिलेगी.
"बहोत सहमी हुई दरबार में सच्चई रहती है" - सच्चाई और न्याय की भावना एक शक्तिशाली और न्यायप्रिय शासक के दरबार में हमेशा विद्यमान रहती है.
यह भी पढ़ें: स्कूल फ्रेंड से इश्क, सिपाही से शादी, फिर हुए दो कत्ल... लखनऊ के काकोरी में हुए डबल मर्डर की पूरी कहानी, ऐसे खुला राज
तबरेज राणा के शेर में कुछ लोगों का मानना है कि मानवता और प्रेम के संदेश समाहित हैं. उदाहरण के लिए, उन्होंने लिखा, "हमारी दोस्ती से दुश्मनी शर्मायी रहती है," जो दर्शाता है कि उनकी दोस्ती की ताकत दुश्मनों को भी शर्मिंदा कर देती है. उन्होंने देश की राजनीति पर तंज कसते हुए कहा, "खुदा मेहफूज रक्खे मुल्क को गन्दी सियासत से", जो वर्तमान राजनीतिक स्थिति की एक गहरी चिंता को दर्शाता है.