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UP: इटावा के सखी वन स्टॉप सेंटर में किशोरी ने किया सुसाइड, जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन

इटावा के सखी वन स्टॉप सेंटर में 16 वर्षीय किशोरी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. किशोरी को कानपुर नारी निकेतन भेजा जाना था. वह अपने ही रिश्तेदार युवक के साथ घर से चली गई थी, जिसे पुलिस ने बरामद कर लिया था. इस घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई है.

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(सांकेतिक तस्वीर)
(सांकेतिक तस्वीर)

इटावा के सिविल लाइन थाना क्षेत्र के मोती झील स्थित सखी वन स्टॉप सेंटर में 16 वर्षीय किशोरी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. यह किशोरी कानपुर के नारी निकेतन भेजी जाने वाली थी, लेकिन उससे पहले ही उसने यह कदम उठा लिया.

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मृत किशोरी इटावा जिले के थाना चौबिया क्षेत्र के ग्राम कल्याणपुर की रहने वाली थी. वह अपने ही रिश्तेदार युवक रचित के साथ घर से भाग गई थी. परिजनों ने इसकी शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद पुलिस ने किशोरी को बरामद कर लिया और युवक को गिरफ्तार कर लिया.

एक दिन पहले ही सेंटर में लाई गई थी

पुलिस ने 26 मार्च की रात को किशोरी को सखी वन स्टॉप सेंटर भेज दिया था. सेंटर में 24 घंटे महिला कर्मचारियों की निगरानी रहती है, लेकिन फिर भी किशोरी ने सेंटर की किचन में दुपट्टे से फांसी लगाकर जान दे दी. 

घटना की जानकारी मिलते ही वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) संजय कुमार और जिलाधिकारी मौके पर पहुंचे. एसएसपी ने बताया कि किशोरी अपने परिवार से असंतुष्ट थी और उनके साथ नहीं जाना चाहती थी. उसका बयान बाल कल्याण समिति (CWC) के सामने दर्ज किया गया था और उसे कानपुर नारी निकेतन भेजने का निर्णय लिया गया था.

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जांच के लिए बनी तीन सदस्यीय कमेटी

पुलिस ने बताया कि इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बना दी गई है, जो दो दिनों में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.

वन स्टॉप सेंटर की सुरक्षा पर सवाल

किशोरी की आत्महत्या के बाद सखी वन स्टॉप सेंटर की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं. 24 घंटे निगरानी में रहने वाली किशोरी कैसे किचन में जाकर फांसी लगा सकी, यह जांच का विषय बना हुआ है.

नोट:- (अगर आपके या आपके किसी परिचित के मन में आता है खुदकुशी का ख्याल तो ये बेहद गंभीर मेडिकल एमरजेंसी है. तुरंत भारत सरकार की जीवनसाथी हेल्पलाइन 18002333330 पर संपर्क करें. आप टेलिमानस हेल्पलाइन नंबर 1800914416 पर भी कॉल कर सकते हैं. यहां आपकी पहचान पूरी तरह से गोपनीय रखी जाएगी और विशेषज्ञ आपको इस स्थिति से उबरने के लिए जरूरी परामर्श देंगे. याद रखिए जान है तो जहान है.)

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