गोरखपुर में साल 2007 में हुए दंगे के मुख्य आरोपी 16 साल से फरार मोहम्मद शमीम को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. दरअसल, साल 2007 में मोहर्रम के जुलूस के दौरान राजकुमार अग्रहरि नाम के युवक को पुलिस की जीप से खींचकर चाकुओं और तलवार से ताबड़तोड़ हमला कर हत्या कर दी गई थी.
यह था पूरा मामला
गोरखपुर की कोतवाली पुलिस ने तिवारीपुर थाना क्षेत्र के निजामपुर के रहने वाले साल 2007 के गोरखपुर दंगे के मुख्य आरोपी मोहम्मद शमीम को 16 साल बाद गिरफ्तार किया है. 16 अगस्त 2007 में ही जमानत पर छूटने के बाद से वो फरार चल रहा था. इस मामले में उसे साल 2012 में आजीवन कारावास की सजा हो चुकी है. जबकि इसी मामले में उसके पिता शफीउल्लाह को भी आजीवन कारावास की सजा हुई थी और वह पहले से जेल में बंद है. लेकिन मोहम्मद शमीम अगस्त 2007 में जमानत मिलने के बाद से ही फरार हो गया था. इसके बाद कोर्ट में तारीख पर हाजिर नहीं हुआ. न्यायालय की ओर से कई बार गैरजमानती वारंट जारी किया गया लेकिन उसका कहीं पता नहीं चलता था.
दरअसल, दीवान बाजार के रहने वाले राजेन्द्र प्रसाद अग्रहरि ने 27 जनवरी 2007 को गोरखपुर की कोतवाली पुलिस को तहरीर दी थी. उनके बेटे राजकुमार अग्रहरि की मोहर्रम के जुलूस के दौरान नसीराबाद एक मीनारा मस्जिद के पास देर रात मोहर्रम के जुलूस में शामिल मोहम्मद शमीम और उसके साथियों ने पुलिस की जीप से खींचकर तलवार और चाकुओं से गोदकर गंभीर रूप से घायल कर दिया. इसके बाद उसे बीआरडी में चिकिस्तकों ने मृत घोषित कर दिया.
कैसे हुआ विवाद?
बता दें कि राजकुमार अग्रहरि घटना के समय आमलेट बेचने वाले के ठेले पर आमलेट खा रहा था. इसी दौरान वहां से मोहर्रम का जुलूस गुजर रहा था. मोहम्मद शमीम, उसके पिता शफीउल्लाह और उसके साथी जुलूस में मौजूद थे. आमलेट के ठेले पर किसी बात को लेकर मृतक राजकुमार अग्रहरि से विवाद हुआ और इसके बाद मोहम्मद शमीम और उसके साथियों ने एकजुट होकर धर्मसूचक गालियां देते हुए राजकुमार पर चाकू से ताबड़तोड़ हमला कर दिया था. पुलिस ने घायल राजकुमार को बेसुध हालत में जीप में अस्पताल ले जाने के लिए लादा, इसी दौरान आरोपियों ने उसे पुलिस की जीप से खींचकर तलवार और चाकुओं से ताबड़तोड़ हमला कर दिया था. बीआरडी मेडिकल कॉलेज ले जाने पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
इन धाराओं के तहत दर्ज हुआ केस
मिली जानकारी के अनुसार राजकुमार अग्रहरि की हत्या के बाद गोरखपुर में दंगा भड़क गया था. इस मामले में पुलिस ने मृतक राजकुमार अग्रहरि के पिता राजेंद्र अग्रहरि की तहरीर पर मोहम्मद शमीम, उसके पिता शफीउल्लाह और उसके साथियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302, 147, 148, 149, 298 के तहत केस दर्ज किया था.
संसद में रोए थे तत्कालीन गोरखपुर से सांसद योगी
साल 2007 में हुई इस हिंसा में योगी आदित्यनाथ को धरना देने और जुलूस निकालने के दौरान पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. इस दौरान उन्हें 11 दिन जेल में रहना पड़ा था. इसके बाद संसद में वे अपनी संरक्षा को लेकर फूट-फूटकर रो पड़े थे.
क्या कहना है पुलिस का?
इस संबंध में गोरखपुर कोतवाली सर्किल के सीओ अनुराग सिंह ने बताया कि गोरखपुर के कोतवाली थाना क्षेत्र में साल 2007 में राजकुमार अग्रहरि नाम के युवक की हत्या हो गई थी. उसमें मुकदमा लिखा गया था. इसमें दो आरोपियों को अरेस्ट कर जेल भेजा गया था. मोहम्मद शमीम को अगस्त 2007 में जमानत मिल गई थी. इसके बाद से ही वो फरार हो गया था. मोहम्मद शमीम और उसके पिता शफीकुल्लाह को साल 2012 में आजीवन कारावास हो गया था. शफीउल्लाह पहले से ही जेल में था. 11 सितंबर को उसे तिवारीपुर से अरेस्ट किया गया है. इसके खिलाफ एनबीडब्ल्यू और 82B की कार्रवाई हो चुकी है. ये पुलिस की बड़ी सफलता है. 16 साल बाद उसे गिरफ्तार किया है. पूछताछ में पता चला है कि वो फरार होने के बाद चेन्नई चला गया था. उस समय मोबाइल और इंटरनेट की इतनी सुविधा नहीं होने की वजह से इसे ट्रेस नहीं किया जा सका था. इसके बाद वो जब यहां पर आया, तो परिवार के साथ न रहकर किराए के मकान में रह रहा था. पुलिस को जैसे ही इसकी जानकारी हुई, उसे अरेस्ट कर लिया गया.