उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में एक दिल दहला देने वाला हादसा सामने आया है, जहां एक डेढ़ साल के मासूम की कार की ऑटोमैटिक विंडो में फंसने से मौत हो गई. यह घटना सोमवार को हुई जब चकिया गांव निवासी रोशन ठाकुर अपने परिवार के साथ नई बलेनो कार की पूजा कराने चंदडीह गांव के मंदिर गए थे.
परिवार के अनुसार, रोशन का भतीजा रेयांश खिड़की से बाहर झुककर बंदरों को देख रहा था. इसी दौरान कार स्टार्ट होते ही ऑटोमैटिक विंडो अचानक बंद हो गई, जिससे बच्चे की गर्दन उसमें फंस गई. परिवार तुरंत बच्चे को लेकर मऊ के अस्पताल पहुंचा, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
ऑटोमैटिक विंडो में फंसने से मासूम की मौत
घटना के बाद पूरे परिवार में मातम छा गया. उभांव थाना प्रभारी राजेंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि अब तक परिवार ने कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है, लेकिन पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है.
यह दर्दनाक हादसा कारों में ऑटोमैटिक विंडो से होने वाले खतरों को उजागर करता है। विशेषज्ञों का कहना है कि माता-पिता को छोटे बच्चों को कार की खिड़कियों के पास अकेला नहीं छोड़ना चाहिए और ऑटोमैटिक सिस्टम के प्रति सतर्क रहना चाहिए. परिजनों ने बच्चे का पोस्टमॉर्टम नहीं कराया और सोमवार शाम को ही उसे दफना दिया. इस दर्दनाक घटना के बाद से मृतक के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.
गलती से दबा विंडो का बटन
बच्चे की मां ने बताया कि कार के विंडो में लगे शीशे का बटन दब गया. शीशा तेजी से ऊपर की तरफ चढ़ा और रेयांश का गला दब गया. मैंने तुरंत कार का शीशा नीचे किया, लेकिन बेटा बेहोश हो गया. तुरंत ही उसे बेल्थरा रोड के एक निजी अस्पताल लेकर गए. जहां डॉक्टर ने उसे मऊ रेफर कर दिया, मऊ में डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया. मेरा इकलौता बेटा मेरे सामने ही चला गया, मैं कुछ नहीं कर सकी.