ड्रोन भारत की एक नई शक्ति के रूप में उभर कर सामने आ रहा है. कोरोना काल में ड्रोन से दूरदराज के कई इलाकों में वैक्सीन पहुंचाई गई थी. अब इसी ड्रोन के जरिए इमरजेंसी केस में ब्लड को एक जगह से दूसरी जगह आसानी से पहुंचाया जा सकेगा.
बुधवार को हुए एक ट्रायल में ड्रोन के जरिए ब्लड को ग्रेटर नोएडा के जिम्स अस्पताल से नोएडा के सेक्टर 62में जेपी इंस्टीट्यूट तक भेजा गया. यह दूरी लगभग 35 किलोमीटर की थी इसी तरह लेडी हार्डिंग अस्पताल से भी ब्लड को जेपी इंस्टीट्यूट तक भेजा गया. ड्रोन से ब्लड ले जाने के वीडियो को खुद स्वास्थय मंत्री मनसुख मंडाविया ने ट्वीट किया है.
Making Indian Healthcare Future-ready With 'i-Drone'.
— Dr Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) May 10, 2023
Trial run of blood bag delivery by drone successfully conducted.
Inaugural flight carried 10 units of whole blood samples from Govt Institute of Medical Sciences & Lady Hardinge Medical College, for the first time in India. pic.twitter.com/UoKfwaSq3o
'सफल रहे नतीजे'
इस ट्रायल के रिजल्ट बेहद शानदार देखने को मिले. ड्रोन के साथ-साथ 35 किलोमीटर की दूरी तक एंबुलेंस से भी ब्लड भेजा गया. एंबुलेंस से ब्लड को उसी जगह पहुंचने में लगभग सवा घंटे का वक्त लगा. वहीं, ड्रोन से ये दूरी महज 10 से 15 मिनट में पूरी हो गई.
ट्रायल के बाद ये भी पाया गया कि ड्रोन के जरिए ब्लड को ट्रांसपोर्ट करने से ब्लड में भी कोई बदलाव नहीं आया. मतलब उसे आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता है. ब्लड पर ड्रोन के वाइब्रेशन और टेंपरेचर का कोई असर नहीं पड़ा.
आगे ऑर्गन ट्रांसपोर्ट करने का प्लान
ब्लड को ड्रोन के जरिए ट्रांसपोर्ट करने के प्रोजेक्ट पर आईसीएमआर काफी लंबे समय से काम कर रहा था. आईसीएमआर के साथ इस प्रोजेक्ट में दिल्ली का लेडी हार्डिंग अस्पताल और ग्रेटर नोएडा का जिम्स अस्पताल भी शामिल है.
जिम्स के डायरेक्टर डॉक्टर ब्रिगेडियर राकेश गुप्ता बताते हैं कि आने वाले वक्त में ड्रोन के जरिए ऑर्गन ट्रांसपोर्ट भी किया जा सकेगा. अभी एक जगह से दूसरी जगह ऑर्गन को ले जाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर तैयार करना पड़ता है.