अयोध्या में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम का अनुष्ठान सरयू स्नान के साथ शुरू हो गया है. 16 जनवरी की प्रथम पूजा के यजमान और श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में सदस्य अनिल मिश्रा ने सरयू नदी में दशविधि की. सरयू में स्नान के दौरान यजमान अनिल मिश्र के साथ अनुष्ठान करने वाले वैदिक ब्राह्मण भी शामिल थे.
यजमान अनिल मिश्र के साथ उनकी पत्नी ने भी सरयू में स्नान किया और वह भी उनके साथ पूजा में उपस्थिति रहीं. सरयू में स्नान के साथ यजमान के रूप में अनिल मिश्रा और उनकी पत्नी ने इसके बाद प्रायश्चित पूजा की. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में अनिल मिश्र ट्रस्टी भी हैं. अर्चक प्रमुख गणेश्वर दत्त शास्त्री ने उनको प्रायश्चित पूजा कराई.
जाने-अनजाने हुई गलतियों के लिए की ईश्वर से क्षमा प्रार्थना
इस खास पूजा के दौरान जाने-अनजाने और भूल बस हुई गलतियों के लिए ईश्वर से क्षमा प्रार्थना की गई. साथ ही यह प्रार्थना भी की गई कि भगवान आपका स्वरूप निखारने के लिए जो छेनी और हथौड़ी चलाई गई, उसके लिए हमें माफ करें. स्नान और पूजन के बाद सभी लोग मूर्ति निर्माण स्थल पहुंचे, जहां पर गर्भ गृह में प्रतिष्ठित होने वाली मूर्ति का निर्माण किया गया है.
इस स्थान पर पहले दिन के अनुष्ठान किए गए. अब 17 जनवरी से आगे की पूजा श्री राम जन्मभूमि मंदिर परिसर में होगी और उसके पहले प्राण प्रतिष्ठित होने वाली मूर्ति को श्री राम जन्मभूमि मंदिर में पहुंचा दिया जाएगा.
प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में देशभर के 4000 साधु-संतों को न्योता
अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए श्री राम मंदिर ट्रस्ट ने लगभग 4000 साधु-संतों को निमंत्रण दिया है. इसके साथ ही ढाई हजार उन लोगों को आमंत्रित किया गया है, जिन्हें अपनी-अपनी विधाओं में महारत हासिल है.
संगीत, कला, खेल, पुलिस, सेना… हर क्षेत्र से ऐसे लोगों को आमंत्रित किया गया है, जिन्होंने समाज या देश के लिए अपना योगदान दिया हो. इसके अलावा श्री राम मंदिर आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाने वाले और जिन लोगों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया है, उनके परिजनों को भी आमंत्रित किया जा रहा है.