उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में पुलिस ने दो लोगों को 51,400 की नकली करेंसी के साथ गिरफ्तार किया है. यह कार्रवाई लखनऊ (बरेली डिवीजन) की मिलिट्री इंटेलिजेंस यूनिट से मिली गुप्त सूचना के आधार पर की गई. पुलिस ने बताया कि इस मामले का मुख्य आरोपी, जो एक पूर्व प्रधान का बेटा है, फरार हो गया है.
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक एडिशनल एसपी मुकेश चंद्र मिश्रा ने बताया कि पुलिस टीम ने सोरहा रोड स्थित अगरास तिराहा पर छापेमारी कर मोहम्मद यामीन और अनमोल गुप्ता को गिरफ्तार किया. यामीन के पास से 100 रुपये के 247 नकली नोट और गुप्ता के पास से 100 रुपये के 267 नकली नोट बरामद हुए. कुल मिलाकर 514 नकली नोट, मोबाइल फोन, पैन कार्ड और एटीएम कार्ड जब्त किए गए.
मुख्य आरोपी की तलाश जारी
पुलिस के अनुसार, इस मामले का मुख्य आरोपी एक पूर्व ग्राम प्रधान का बेटा है, जो छापेमारी के दौरान फरार हो गया, शुरुआती जांच में यह भी पता चला है कि आरोपियों को नकली करेंसी ‘डंपी’ नामक सप्लायर से मिली थी. पुलिस अब इस सप्लायर और फरार मुख्य आरोपी की तलाश में जुटी है.
आरोपियों को भेजा गया जेल
पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ इज्जतनगर थाने में मामला दर्ज कर लिया है. सोमवार को उन्हें कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. पुलिस पूरे नेटवर्क का पता लगाने के लिए जांच तेज कर रही है और जल्द ही अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी की संभावना जताई जा रही है.
नकली करेंसी का बड़ा नेटवर्क?
पुलिस को संदेह है कि यह एक बड़े नकली नोट गिरोह का हिस्सा हो सकता है, जो राज्य में नकली करेंसी सप्लाई कर रहा है. इस मामले में डंपी और मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी से नकली करेंसी नेटवर्क का पर्दाफाश होने की उम्मीद है.