प्रयागराज में हुए राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या के मामले में पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है. सूत्रों के मुताबिक पुलिस ने पूछताछ के लिए 7 लोगों को हिरासत में लिया है. पुलिस ने इस हत्याकांड के मुख्य आरोपी अतीक अहमद के दो बेटों को भी हिरासत में लिया है.
पुलिस ने अतीक अहमद के बेटे एजम और आबान हिरासत में लिया है. इन सभी 7 लोगों से हत्याकांड के बारे में पूछताछ की जा रही है. प्रयागराज कमिश्नरेट की 8 टीमों को हत्याकांड की जांच के लिए लगाया गया है.
बम फेंकने वालों की तलाश में STF की टीमें
अब यूपी एसटीएफ की प्रयागराज यूनिट अतीक अहमद के गुर्गों के साथ-साथ उमेश पाल की पुरानी रंजिश के आरोपियों को भी खंगाल रही है. अतीक अहमद से पुरानी रंजिश के साथ-साथ वारदात को अंजाम देने के पैटर्न पर पुलिस अतीक अहमद के बमबाज गुर्गों को ढूंढ रही है.
अतीक अहमद पर लगा उमेश की हत्या का आरोप
उमेश पाल की हत्या पर उनकी मां ने कहा कि गोलियों और बम की आवाज सुनकर हम लोग बाहर की ओर दौड़े थे. आज राजू पाल हत्याकांड में मेरे बेटे की पेशी थी. वो कोर्ट से आया था. तभी उस पर हमला कर दिया गया. इस वारदात को अतीक अहमद ने अंजाम दिलवाया है.
बता दें कि शुक्रवार शाम BSP के पूर्व विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल पर बम और गोली से हमला किया गया. इस हमले में उमेश पाल की मौत हो गई. उसकी सुरक्षा में दो गनर भी तैनात थे. इनमें से एक की मौत हो गई जबकि दूसरा गनर अस्पताल में भर्ती है. दरअसल गवाह और उसके सुरक्षाकर्मियों पर हमले की यह घटना प्रयागराज के धूमनगंज इलाके में हुई.
कोर्ट से लौटते वक्त हुआ अटैक
ऐसा कहा जा रहा है कि कोर्ट से वापस आने के बाद अपने घर के पास जैसे ही उमेश पाल पहुंचे, वैसे ही बदमाशों ने पहले तो उनकी कार पर गोलियों से हमला कर दिया. फिर जब वह कार से निकल कर अपने घर की ओर भागे तो उनके पीछे बम से भी हमला किया.
2005 में हुआ राजू पाल का मर्डर?
उल्लेखनीय है कि यूपी में साल 2004 के आम चुनाव में फूलपुर से सपा के टिकट पर अतीक अहमद को सांसद चुना गया था. इसके बाद इलाहाबाद पश्चिम विधानसभा सीट खाली हो गई थी. इस सीट पर हुए उपचुनाव में सपा ने अतीक के छोटे भाई अशरफ को टिकट दिया था. लेकिन बसपा ने उसके सामने राजू पाल को खड़ा किया. उस उपचुनाव में बसपा प्रत्याशी राजू पाल ने अतीक अहमद के भाई अशरफ को हरा दिया था.
उपचुनाव में जीत दर्ज कर पहली बार विधायक बने राजू पाल की कुछ महीने बाद ही 25 जनवरी, 2005 को दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड में देवी पाल और संदीप यादव की भी मौत हुई थी. दो अन्य व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इस हत्याकांड में सीधे तौर पर सांसद अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ का नाम सामने आया था. उमेश पाल इस हत्याकांड के मुख्य गवाह थे जिनकी कि आज हत्या कर दी गई.