यूपी के प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी शूटर गुड्डू मुस्लिम 'बमबाज' के सौतेले बेटे आबिद को पुलिस ने अरेस्ट किया है. उसके पास से 6 बम भी बरामद हुए हैं. पुलिस ने विस्फोटक अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर उसको जेल भेजा है. ये गिरफ्तारी खुल्दाबाद पुलिस ने घनश्याम कालोनी के पास से हुई है.
बता दें कि आबिद चांदनी और अब्दुल रहमान का बेटा है. मगर, गुड्डू मुस्लिम पिछले कई सालों से चांदनी और उसके बच्चों के साथ रह रहा था. उसने ही चकिया चौराहे पर 'आबिद चिकन-मटन शॉप' खुलवाई थी. उमेश पाल हत्याकांड के बाद से ये शॉप बंद थी. इसके बाद प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने दुकान को अवैध बताकर ध्वस्तीकरण का नोटिस जारी किया था.
उमेश पाल हत्याकांड के बाद से फरार है गुड्डू मुस्लिम
मगर, ध्वस्तीकरण न होने के चलते दोबारा दुकान खोल दी गई थी. विकास प्राधिकरण ने दुकान को दोबारा सील किया. गौरतलब है कि उमेश पाल मर्डर केस में फरार चल रहे गुड्डू मुस्लिम पर 5 लाख रुपये का इनाम घोषित है. उसके साथ ही चांदनी भी फरार है. गुड्डू सीसीटीवी कैमरे में बम बरसाते हुए कैद हुआ था.
हत्याकांड को अंजाम देने के बाद मेरठ पहुंचा था गुड्डू
उमेश पाल हत्याकांड को अंजाम देने के बाद वो कुछ दिनों तक मेरठ में छिपा हुआ था. इसके सीसीटीवी फुटेज भी सामने आए थे. वो अखलाक के घर पैसे लेने गया था. वो अखलाक के घर दाखिल होता हुआ और बैग ले जाता हुआ दिखाई दिया था.
इसके बाद उसने दिल्ली में माफिया अतीक अहमद के तीसरे नंबर के बेटे असद तक पैसे पहुंचाए गए थे. अतीक का बेटा असद दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में कई दिन तक छिपा हुआ था. बता दें कि अखलाक अतीक का रिश्तेदार है, जिसे एसटीएफ पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है.
हत्या करने वाले शूटर्स को अखलाक ने की थी फंडिंग
पुलिस के अनुसार, 2005 में बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या करने वाले शूटर्स को अखलाक ने फंडिंग की थी. इतना ही नहीं उमेश पाल की हत्या में भी अखलाक की अहम भूमिका थी. गिरफ्तार करने से पहले अखलाक से पुलिस कई बार पूछताछ कर चुकी थी. पुलिस को शक था कि बदमाश वारदात को अंजाम देने के बाद मेरठ गए थे. इसी आशंका के मद्देनजर अखलाक रडार पर था.
24 फरवरी को प्रयागराज में हुई थी उमेश पाल की हत्या
बता दें कि 24 फरवरी को उमेश पाल और उनके दो सुरक्षा कर्मियों की बदमाशों ने गोली और बम मारकर हत्या कर दी थी. उमेश पाल, विधायक राजू पाल की हत्या के मामले में गवाह थे. 24 फरवरी को उमेश गाड़ी से उतर रहे थे. उसी दौरान बदमाशों ने उन पर फायरिंग कर हत्या कर दी थी. इस दौरान उमेश के साथ उनके दो सरकारी गनर की भी मौत हो गई थी.