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'CM योगी मेरी पीड़ा समझते होंगे...' बरी होने के बाद बोला अशरफ, एनकाउंटर पर भी खुलासा!

उमेश पाल अपहरण कांड में बरी होकर बरेली जेल पहुंचे माफिया अतीक अहमद के भाई अशरफ को एक बार फिर एनकाउंटर का डर सता रहा है. उसने कहा, 'एक दो हफ्ते बाद तुम्हें जेल से निकालेंगे और टपका देंगे.... एक बड़े अफसर ने कहा है... यह साजिश है मेरे परिवार को फंसाने की और उत्तर प्रदेश सरकार को बदनाम करने की.'

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अतीक अहमद का भाई अशरफ
अतीक अहमद का भाई अशरफ

उमेश पाल अपहरण कांड में भले ही माफिया अतीक अहमद का भाई अशरफ बरी हो गया है, लेकिन उसे अभी भी एनकाउंटर का डर सता रहा है. बीती रात एक बजे बरेली जेल पहुंचते ही अशरफ ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर दर्ज हो चुके मुकदमों का जिक्र करते हुए कहा कि उन पर भी फर्जी मुकदमा दर्ज था, मेरी पीड़ा को सीएम योगी समझते होंगे.

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उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी अशरफ ने कहा, 'एक दो हफ्ते बाद तुम्हें जेल से निकालेंगे और टपका देंगे.... एक बड़े अफसर ने कहा है... मैं उनका नाम नहीं ले सकता.... मैं नाम नहीं बता सकता... यह साजिश है मेरे परिवार को फंसाने की और उत्तर प्रदेश सरकार को बदनाम करने की... माननीय मुख्यमंत्री जी पर भी फर्जी मुकदमे लग चुके हैं... वह अच्छी तरह मेरी पीड़ा को समझते हैं.'

'मैं माफिया दिख रहा हूं आपको'

अपनी सफाई में अशरफ ने कहा, 'मैं माफिया दिख रहा हूं आपको... मैं 3 साल से जेल में हूं... मैं एक बार का विधायक रह चुका हूं... मैं 3 साल से जेल में हूं कैसे साजिश रच सकता हूं. मेरे भाई पांच बार के विधायक और सांसद रह चुके हैं... शाइस्ता मेयर का चुनाव लड़ने वाली थीं... वह प्रचार में लगी हुई थीं इसलिए उनको फंसा दिया गया.'

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'जेल में कोई अकेले नहीं मिल सकता है'

जेल में शूटर से मिलने के सवाल पर अशरफ ने कहा, 'जो लोग मिलने आते हैं उनके साथ एलआईयू बैठकर मुलाकात कराती है... कौन आएगा मुझसे मिलने? 50 कैमरे लगे हुए हैं... एलआईयू के सामने मेरी मुलाकात कराई जाती है... अधिवक्ता तक के सामने एलआईयू को बैठाकर मुलाकात कराई जाती है.' सुनिए अशरफ ने क्या कहा-

'हत्या होती है तो बंद लिफाफा पहुंचेगा'

अशरफ ने कहा, 'अगर मेरी हत्या होती है तो मुख्यमंत्रीजी, इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस और चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को बंद लिफाफा पहुंच जाएगा... इसमें उसका नाम होगा जिसने मुझे धमकी दी है.' कोर्ट में अतीक अहमद से मुलाकात के सवाल पर अशरफ ने कहा, 'वह हम भाइयों की बीच की बात है... आपको हम कैसे बता दें.'

'जब अपहरण तो जेल में बंद था'

प्रयागराज से बरेली जेल पहुंचे अशरफ ने कहा, 'जब उमेश पालजी ने अपहरण का मुकदमा लिखाया था... तब भी मैं जेल में था... अब उनकी हत्या हो गई है तब भी मैं जेल में हूं... बरी होकर आ रहा हूं आपके सामने हूं. आज सिर्फ पानी पीकर रोजा खोला है.. एक बिस्कुट भी नहीं मिला खाने को....'

 

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