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उमेश पाल की मां बोली- अतीक को उम्रकैद नहीं फांसी हो, जेल से करा सकता है और मर्डर

अतीक को उम्रकैद मिलने बाद उमेश पाल की मां शांति देवी ने कहा कि उसे आजीवन कारावास की सजा मिली है. उसे मौत की सजा नहीं मिली है. हमारी लड़ाई उसकी मौत तक की है क्योंकि अगर वह जिंदा है और जेल में भी है, तो भी हमारे लिए खतरा है. हमारे परिवार और हमारे बच्चों का जीवन सुरक्षित नहीं है.

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उमेशपाल की मां बोली- अतीक को फांसी की सजा मिलनी चाहिए
उमेशपाल की मां बोली- अतीक को फांसी की सजा मिलनी चाहिए

17 साल पुराने उमेश पाल अपहरण केस में  प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया. कोर्ट ने बाहुबली अतीक अहमद समेत 3 आरोपियों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई. कोर्ट ने अपहरण के इस मामले में अतीक के अलावा हनीफ, दिनेश पासी को भी दोषी पाया है. कोर्ट ने तीनों पर 1- 1 लाख का जुर्माना भी लगाया है. वहीं, अतीक के भाई अशरफ समेत 7 को बरी कर दिया गया.

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अदालत से अतीक को उम्रकैद की सजा मिलने बाद उमेश पाल की मां शांति देवी ने कहा कि उसे आजीवन कारावास की सजा मिली है. उसे मौत की सजा नहीं मिली है. हमारी लड़ाई उसकी मौत तक की है क्योंकि अगर वह जिंदा है और जेल में भी है, तो भी हमारे लिए खतरा है. हमारे परिवार और हमारे बच्चों का जीवन सुरक्षित नहीं है.

शांति देवी ने आगे कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि अदालत उसे मौत की सजा देगी. हमारे लिए बेटे की हत्या का बदला उसकी मौत ही है. उसका बेटा भी और कई बादमाश अब तक पकड़े नहीं गए हैं.  

उमेश पाल के परिजन बोले- फांसी की सजा मिलनी चाहिए 

उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने कहा कि अतीक अहमद को फांसी होनी चाहिए थी. हमारी लड़ाई जारी रहेगी और मेरे पति के हत्या के मामले में भी वह मुख्य अभियुक्त है. हम इस लड़ाई को लड़ेंगे हमें उम्मीद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से है कि वह हमारे साथ न्याय करेंगे. 

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अतीक अहमद ने 44 साल पहले किया था पहला अपराध

अतीक अहमद प्रयागराज में खौफ का दूसरा नाम है. उसने 44 साल पहले पहला अपराध किया था. उसके बाद अतीक ने अपराध की दुनिया को विस्तार दिया. समय समय पर वह सत्ता का साथ मिलता रहा. इसीलिए अतीक अपने आपको कानून के ऊपर समझता रहा.

उसकी दादागीरी का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि चार दशक में उसके ऊपर 101 केस दर्ज हुए, मगर उसे सजा पहली बार मिली है. अब आस बंधी है कि बाकी मामलों में भी अतीक को सजा मिलेगी. पीड़ित परिवार तो अतीक के लिए फांसी की मांग कर रहे हैं.  

राजू पाल हत्याकांड का मुख्य गवाह था उमेश पाल

बता दें, उमेश पाल 2005 में हुए राजू पाल हत्याकांड में मुख्य गवाह था. कोर्ट का यह फैसला इसलिए काफी अहम माना जा रहा है क्योंकि उमेश की 24 फरवरी 2023 को प्रयागराज में गोली मारकर हत्या कर दी गई. इस मामले में भी अतीक, उसका भाई अशरफ, बेटा असद समेत 9 लोग आरोपी हैं.

बताते चलें कि इससे पहले सोमवार को अतीक अहमद को गुजरात की साबरमती जेल से प्रयागराज लाया गया. उसके भाई अशरफ को बरेली से प्रयागराज लाया गया. इसके अलावा एक अन्य आरोपी फरहान को भी यहीं लाया गया था. 

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