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उमेश पाल हत्याकांड: पुलिस के हत्थे चढ़ा मुख्तार अंसारी गैंग का शूटर, राज उगलवाने में जुटी पुलिस

पिछले शुक्रवार को राजू पाल की हत्या के गवाह की प्रयागराज में उन्हीं के घर के बाहर गोली मार कर हत्या कर दी गई थी. पांच लोगों द्वारा की गई गोलीबारी में उनके सुरक्षा गार्ड की भी मौत हो गई थी. यूपी पुलिस के मुताबिक, हत्या की साजिश गैंगस्टर से नेता बने और समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता अतीक अहमद ने रची थी.

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अतीक अहमद का शूटर गिरफ्तार
अतीक अहमद का शूटर गिरफ्तार

प्रयागराज के उमेश पाल हत्याकांड को लेकर यूपी सरकार चौतरफा एक्शन में है. एक तरफ शूटर्स को पकड़ने के लिए ताबड़तोड़ छापेमारी चल रही है. दूसरी तरफ अतीक अहमद के गुर्गों पर बुलडोजर एक्शन चालू है. प्रयागराज में उस मकान को ध्वस्त कर दिया गया, जहां अतीक अहमद की बीवी शाइस्ता रहा करती थी और 24 फरवरी के हत्याकांड के बाद जिस मकान में शूटर्स पहुंचे थे. अब इस हत्याकांड के तार मुख्तार अंसारी से भी जुड़ रहे हैं. कारण, यूपी एसटीएफ ने अंसारी के शूटर बृजेश सोनकर को गिरफ्तार किया है. जिसके पास से पुलिस को अवैध तमंचा और कारतूस बरामद हुए हैं.

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जानकारी के मुताबिक 28 फरवरी मंगलवार को मऊ पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर बंधा रोड हनुमान मंदिर के पास से मुख्तार अंसारी गिरोह का शूटर और हिस्ट्रीशीटर अपराधी बृजेश सोनकर पुत्र बच्चालाल सोनकर निवासी मठियाटोला थाना कोतवाली जनपद मऊ को पकड़ा. उसके कब्जे से पुलिस को अवैध तमंचा 315 बोर व एक जिंदा कारतूस 315 बोर मिला है. इसको लेकर पुलिस ने मु0अ0सं0 75/23 धारा 3/25 आर्म्स एक्ट में केस दर्ज किया है. 

अतीक अहमद पर लगे उमेश पाल की हत्या के आरोप

बता दें कि पिछले शुक्रवार को राजू पाल की हत्या के गवाह की प्रयागराज में उन्हीं के घर के बाहर गोली मार कर हत्या कर दी गई थी. पांच लोगों द्वारा की गई गोलीबारी में उनके सुरक्षा गार्ड की भी मौत हो गई थी. यूपी पुलिस के मुताबिक, हत्या की साजिश गैंगस्टर से नेता बने और समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता अतीक अहमद ने रची थी. 

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कौन थे उमेश पाल? 

साल 2004 के आम चुनाव में फूलपुर से सपा के टिकट पर अतीक अहमद को सांसद चुना गया था. इसके बाद इलाहाबाद पश्चिम विधानसभा सीट खाली हो गई थी. इस सीट पर हुए उपचुनाव में सपा ने अतीक के छोटे भाई अशरफ को टिकट दिया था. लेकिन बसपा ने उसके सामने राजू पाल को खड़ा किया. उस उपचुनाव में बसपा प्रत्याशी राजू पाल ने अतीक अहमद के भाई अशरफ को हरा दिया था. उपचुनाव में जीत दर्ज कर पहली बार विधायक बने राजू पाल की कुछ महीने बाद ही 25 जनवरी, 2005 को दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. 

इस हत्याकांड में देवी पाल और संदीप यादव की भी मौत हुई थी. दो अन्य व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इस हत्याकांड में सीधे तौर पर सांसद अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ का नाम सामने आया था. उमेश पाल इस हत्याकांड के मुख्य गवाह थे जिनकी कि 24 फरवरी 2023 को गोली मारकर हत्या कर दी गई. इस हत्या का आरोप भी सीधे अतीक अहमद पर ही लगा.

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