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एक करोड़ की रंगदारी, धमकी... तो क्या इसलिए प्रयागराज में उमेश पाल को सरेआम गोलियों से भून दिया गया?

उमेश पाल हत्याकांड में एक नई जानकारी सामने आ रही है. जानकारी के मुताबिक उमेश पाल से अतीक अहमद के गुर्गों ने एक करोड़ की रंगदारी मांगी थी, लेकिन उमेश पाल ने रंगदारी देने से मना कर दिया था और इसके बजाय FIR दर्ज करवा दी थी. बताया जा रहा है कि इससे साबरमती जेल में बंद अतीक अहमद नाराज हो गया था.

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उमेश पाल की घात लगाकर हत्या की गई थी
उमेश पाल की घात लगाकर हत्या की गई थी

प्रयागराज के उमेश पाल हत्याकांड में लगातार नए खुलासे हो रहे हैं. अब इस हत्या की वजह भी सामने आ गई है. बताया जा रहा है कि धूमनगंज में करोड़ों की जमीन के एवज में उमेश पाल से एक करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी गई थी. रंगदारी किसी और ने नहीं, बल्कि अतीक अहमद के गुर्गों ने मांगी थी.

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जानकारी के मुताबिक 24 अगस्त 2022 को उमेश पाल ने धूमनगंज थाने में अतीक के 5 गुर्गों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया था. FIR में  खालिद जफर, मोहम्मद मुस्लिम, दिलीप कुशवाहा और अबूसाद को नामजद किया गया था. इनमें खालिद जफर वही शख्स था जो असलहों से लैस होकर उमेश पाल की जमीन पर कब्जा करने के लिए पहुंचा था.

उमेश पाल को धमकाते हुए अतीक के गुर्गों ने कहा था कि अतीक भाई का आदेश है कि पहले एक करोड़ दे दो, वरना इस जमीन को भूल जाओ. अगर एक करोड़ रुपये नहीं दिए तो मारा जाएगा. उमेश पाल ने रंगदारी देने के बजाय FIR दर्ज करवा दी थी. इससे साबरमती जेल में बंद अतीक अहमद नाराज हो गया था.

उमेश पाल की इस नाफरमानी को बताने के लिए अतीक के दो गुर्गे साबरमती जेल में मिलने गए थे और वहीं से उन्हें उमेश पाल की हत्या का इशारा मिला था.

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एक साल पहले हुई दुश्मनी की शुरुआत!

पुलिस सूत्रों की मानें तो कत्ल से ठीक एक साल पहले उमेश और अतीक की दुश्मनी की शुरुआत हुई थी. पीपलगांव में उमेश पाल की एक पुश्तैनी जमीन थी. किसी ने फोन पर उमेश को बताया कि कुछ लोग उसकी जमीन पर कब्जा कर रहे हैं. उमेश मौके पर पहुंचा तो देखा कि खालिद जफर, मोहम्मद मुस्लिम, अबूसाद, दिलीप कुशवाहा समेत छह-सात लोग मजदूरों के साथ जमीन की घेरेबंदी की कोशिश कर रहे हैं. पुलिस की मानें तो तब खालिद जफर ने उमेश की कनपटी पर हथियार सटाकर उससे जमीन छोड़ने के बदले में अतीक की तरफ से एक करोड़ रुपये की रंगदारी की मांग की थी. 

पुलिस की टीम कर रही छापेमारी

24 फरवरी को राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल और दोनों सरकारी गनर (सिपाही) की हत्या के मामले में लगातार एक्शन लिया जा रहा है. बाहुबली अतीक अहमद के करीबी मसुकुद्दीन के घर पर बुलडोजर की कार्रवाई की गई. मऊ में मुख्तार अंसारी के भाई के घर भी जेसीबी एक्शन के लिए पहुंची, हालांकि सरेआम बम और गोली चलाने वाले गिरफ्तार नहीं हो सके हैं. पुलिस का कहना है कि हमलावरों की तलाश में टीमें छापेमारी कर रही हैं. 

यूपी एसटीएफ की प्रयागराज यूनिट अतीक अहमद के गुर्गों के साथ-साथ उमेश पाल की पुरानी रंजिश के आरोपियों को भी खंगाल रही है. अतीक अहमद से पुरानी रंजिश के साथ-साथ वारदात को अंजाम देने के पैटर्न पर पुलिस अतीक अहमद के बमबाज गुर्गों को भी ढूंढ रही है.

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