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उमेश पाल मर्डर केस: 'न हिरासत में लिया, न डायरी में एंट्री...' माफिया अतीक के बेटों से जुड़े मामले में बोली पुलिस

Umesh Pal Murder Case: उमेश पाल मर्डर केस में आरोपी माफिया अतीक अहमद के 2 बेटों को पुलिस हिरासत में लेने के मामले में CJM कोर्ट में सुनवाई हुई. इसमें पुलिस ने कहा कि एजम और आबान नाम के शख्स धूमनगंज थाने में नहीं हैं. न ही इस नाम के व्यक्ति की जनरल डायरी (GD) में एंट्री है.

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माफिया अतीक अहमद (फाइल फोटो).
माफिया अतीक अहमद (फाइल फोटो).

यूपी के प्रयागराज में हुई उमेश पाल मर्डर केस में आरोपी माफिया अतीक अहमद के 2 बेटों को पुलिस हिरासत में लेने के मामले में CJM कोर्ट में सुनवाई हुई. धूमनगंज पुलिस ने अदालत में रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि एजम और आबान नाम के शख्स धूमनगंज थाने में नहीं हैं. न ही इस नाम के व्यक्ति की GD में एंट्री है. इतना ही नहीं न इन्हें थाने में बैठाया गया और न ही हिरासत में लिया गया है. हालांकि, पुलिस की इस रिपोर्ट से CJM कोर्ट संतुष्ट नहीं है. कल यानी कि शुक्रवार को कोर्ट में दोबारा सुनवाई होगी.

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बेटों को घर से उठाकर ले गई पुलिस- शाइस्ता परवीन

गौरतलब है कि माफिया अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन ने CJM कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी. उन्होंने धूमनगंज थाना पुलिस पर आरोप लगाया था कि उनके बेटों को पुलिस घर से उठाकर ले गई है और अभी तक कोई पता नहीं चल पाया है. इतना ही नहीं इस मामले में पुलिस द्वारा कोई जानकारी भी नहीं दी जा रही है.

जमीन को लेकर चल रहा था अतीक अहमद के साथ विवाद

उधर, इस हत्याकांड की वजह को लेकर पुलिस की एक नई कहानी सामने आई है. पुलिस कह रही है कि उमेश पाल का एक जमीन को लेकर अतीक अहमद के साथ विवाद चल रहा था. इसी के चलते उसकी हत्या की गई. इस तरह से ये मामला और उलझता जा रहा है.

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प्रयागराज में एक मकान पर बुलडोजर चलने की तस्वीरों को आप उमेश पाल के मर्डर केस का साइड इफेक्ट भी कह सकते हैं और इसी हत्याकांड के इर्द-गिर्द घूमती यूपी की सियासत का साइड इफेक्ट भी. जब से कातिलों ने प्रयागराज की सड़कों पर खून बहाया है, शासन-प्रशासन से लेकर पूरा तंत्र मानों इसी वारदात में शामिल शूटरों को ढूंढने के काम में जुट गया है.

अतीक अहमद के नजदीकियों पर फूट रहा शासन का गुस्सा

इस मामले से जुड़े शूटर तो फिलहाल फरार हैं, लेकिन शासन का गुस्सा उमेश पाल मर्डर केस के मुख्य आरोपी बाहुबली अतीक अहमद के नजदीकियों पर फूट रहा है. प्रयागराज के करेली इलाके में मौजूद ये आलीशान कोठी जफर अहमद खान की बताई जाती है. जो कि अतीक का नजदीकी है.

ऐसे में जफर की कोठी अब शासन के गुस्से की आंच में झुलस कर भरभरा कर गिर रही है. बुधवार सुबह जब पीडीए यानी प्रयागराज डेवलपमेंट अथॉरिटी का बुल्डोजर कोठी को गिराने शहर की गलियों में पहुंचा तो कोठी की एक-एक दरो-दीवार को चकनाचूर होते हुए देखने के लिए तमाशबीनों की अच्छी खासी भीड़ लग गई.

साजिश को अंजाम तक पहुंचाने में कोठी का भी रोल

बताया गया है कि उमेश पाल की हत्या की वारदात को अंजाम देने के बाद शूटर इस कोठी में पहुंचे थे और यहीं उनकी अतीक की बीवी शाइस्ता परवीन से मुलाकात हुई थी. ऐसे में किसी न किसी रूप में उमेश पाल हत्याकांड की साजिश को अंजाम तक पहुंचाने में इस कोठी का रोल भी आ गया और यही इस कोठी के जमींदोज होने की एक वजह भी बन गई.

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पुलिस ने इस कोठी के मालिक जफर अहमद की जो जन्म कुंडली बताई है, उसके मुताबिक वो न सिर्फ अतीक का खासमखास है, बल्कि अतीक के गुंडाराज का एक अहम किरदार भी है. कोठी को गिराने के दौरान पुलिस ने उसके इसी मकान से दो विदेशी राइफल और तलवार मिलने की भी बात कही.

मुस्लिम हॉस्टल से रची गई हत्या की साजिश

इस मामले में प्रयागराज पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा ने मंगलवार को सनसनीखेज खुलासा किया था. उन्होंने बताया था कि इस हत्याकांड की साजिश मुस्लिम हॉस्टल के कमरे में रची गई थी. वारदात में शामिल एक साजिशकर्ता सदाकत खान पुत्र शस्मशाद खान को यूपी एसटीएफ ने अरेस्ट भी किया. वो गाजीपुर का रहने वाला है.

सदाकत एलएलबी का छात्र बताया जा रहा है, जो कि मुस्लिम हॉस्टल में रह रहा था. सदाकत से पूछताछ की जा रही है. प्रयागराज पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा ने बताया कि सोमवार को मुठभेड़ में मारा गया अरबाज पुत्र अफाक 50 हजार का इनामी था. इसका अपराधी इतिहास खंगाला जा रहा है. इस मुठभेड़ में एसएचओ को चोट आई.

अतीक अहमद को सता रहा एनकाउंटर का डर

उधर, अतीक अहमद ने अपनी सुरक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. अतीक अहमद ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर कर कहा है कि उसे यूपी में दर्ज मामलों की सुनवाई के लिए गुजरात से बाहर न भेजा जाए. उसकी सुरक्षा और जान को खतरा है.

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अतीक अहमद की ओर से वकील हनीफ खान ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. याचिका में अहमदाबाद जेल से यूपी की जेल में प्रस्तावित ट्रांसफर का विरोध किया गया है. अतीक की याचिका में कहा गया है कि यूपी सरकार के कुछ मंत्रियों के बयान से ऐसा लगता है कि उनका फर्जी एनकाउंटर किया जा सकता है. मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने माफिया और आरोपियों को मिट्टी में मिला देने की बात कही है.

 

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