उमेश पाल हत्याकांड को अंजाम देने के बाद शूटर्स नया ट्रेंड अपना रहे हैं. बताया जा रहा है कि शूटर्स ने अतीक अहमद या उसके परिवार से जुड़े किसी भी व्यक्ति से संपर्क करना बंद कर दिया है. Escape plan में सालों से ऐसे नए संपर्क तैयार किए जा रहे थे, जिनसे कभी अतीक या उसके लोगों ने सीधे संपर्क नहीं किया. इसके बाद अनुमान लगाया जा रहा है कि शूटर नए लोगों के ठिकानों पर छिपे हो सकते हैं.
शूटर नए ठिकाने के साथ लगातार मोबाइल बदल रहे हैं. यह नए संपर्क उमेश पाल हत्याकांड को अंजाम देने के बाद छिपने के लिए तैयार किए गए. शूटआउट के बाद लगातार मोबाइल नंबर बदलना और नए संपर्कों के पास जाने से पुलिस की टीमें नाकाम हो रही हैं, जिससे शूटर्स तक पहुंचना पुलिस के लिए मुश्किल हो रहा है.
पुलिस ने इन आरोपियों को किया था गिरफ्तार
बीते दिनों पुलिस ने नियाज अहमद, मोहम्मद सजद, कैश अहमद, राकेश कुमार, मोहम्मद अरशद खान उर्फ अरशद कटरा को गिरफ्तार किया था. इसी के साथ 74 लाख 62 हजार की नकदी व असलहे मिले थे. पुलिस ने कहा था कि गिरफ्तार किए गए नियाज अहमद ने उमेश पाल हत्याकांड से पहले रेकी की थी.
अरशद खान उर्फ अरशद कटरा भी इस हत्याकांड की साजिश में शामिल था. कैश अहमद अतीक का ड्राइवर था. वह पिछले 16 साल से अतीक के लिए काम कर रहा था. मोहम्मद कैश की निशानदेही पर ही नकदी और असलहे बरामद किए गए.
प्रयागराज के पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा ने कहा था कि पुलिस ने छापेमारी के दौरान 10 असलहे बरामद किए थे, जिसमें पांच पिस्टल शामिल हैं. पांच पिस्टल में एक colt पिस्टल और 4 पिस्टल .30 calbre की शामिल हैं. प्रयागराज में अतीक के ठिकाने पर पुलिस ने छापा मारा था.
अतीक अहमद के ध्वस्त हो चुके दफ्तर में मिले थे हथियार व कैश
अतीक अहमद गैंग के करीबी गुर्गे को पुलिस ने पकड़ लिया था, उसी की निशानदेही पर हथियार और करीब 80 लाख कैश मिला था. अतीक अहमद के चकिया इलाके में ध्वस्त किए जा चुके दफ्तर में हथियार और कैश छिपा था. बरामद 10 असलहों में 5 पिस्टल .30 बोर की थी. उमेश पाल shootout में भी same calibre की पिस्टल इस्तेमाल की गई थी. पिस्टल के साथ spring field राइफल के कारतूस मिले हैं.
24 फरवरी को प्रयागराज में कर दी गई थी उमेश पाल की हत्या
बता दें कि प्रयागराज में बीते 24 फरवरी को उमेश पाल और उनके सुरक्षा कर्मियों की बदमाशों ने गोली और बम मारकर हत्या कर दी थी. उमेश पाल कुछ साल पहले हुई राजू पाल की हत्या के मामले में गवाह थे. 24 फरवरी को उमेश गाड़ी से उतर रहे थे, उसी दौरान बदमाशों ने उन पर फायरिंग कर हत्या कर दी थी. इस दौरान उमेश के साथ उनके गनर की भी मौत हो गई थी. बदमाशों ने इस हत्याकांड को 44 सेकेंड में अंजाम दिया था.