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ढाई घंटे की मीटिंग और 23 मुलाकातें... बरेली जेल में ऐसे रची गई उमेश पाल के कत्ल की साजिश

प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड को अंजाम देने के लिए बीते 11 फरवरी को बरेली की जेल में अशरफ के साथ ढाई घंटे तक एक मीटिंग हुई थी. इस मीटिंग में माफिया अतीक अहमद के बेटे सहित 8 लोग शामिल हुए थे. बताया जा रहा है कि अशरफ से 17 महीने में 23 बार मुलाकातें की गईं थीं. इसी बीच उमेश पाल की हत्या की साजिश रची गई.

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उमेश पाल हत्याकांड.
उमेश पाल हत्याकांड.

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड को अंजाम देने के लिए बरेली जेल में 11 फरवरी को माफिया अतीक अहमद के भाई अशरफ से ढाई घंटे तक मीटिंग चली थी. बरेली जेल में हुई इस मीटिंग में 8 लोग शामिल हुए थे. मोहम्मद अजहर के नाम से एक आवेदन अशरफ से मुलाकात के लिए दिया गया था. अजहर के आवेदन के साथ अतीक अहमद के बेटे असद का आधार कार्ड लगा था, इसके बाद असद को Enter कराया गया था.

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बताया जा रहा है कि बरेली जेल में दिन में 1:22 pm पर 8 लोग अशरफ अहमद से मुलाकात करने गए थे. इसके बाद दोपहर 3:14 बजे वे मुलाकात कर बाहर निकले थे. इस मुलाकात में असद, मोहम्मद गुलाम, गुड्डू मुस्लिम, विजय उर्फ उस्मान चौधरी शामिल थे. बीते 17 महीने में अशरफ से इन लोगों ने 23 बार मुलाकातें की थीं. 

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23 मुलाकातों में 9 मुलाकातें ऑपरेशन के जरिए और 14 बार मुलाकात आवेदन के जरिए की गई थीं. 26 सितंबर 2021 से 21 दिसंबर 2021 तक और 26 जून 2022 तक 9 मुलाकातें कंप्यूटराइज पर्ची के जरिए हुई थीं. बाकी 14 मुलाकातें आवेदन के जरिए करवाई गईं.

दिल्ली में अतीक अहमद के बेटे असद की तलाश तेज

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पुलिस ने दिल्ली में असद अहमद के 3 मददगारों की पहचान की है. बताया जा रहा है कि हत्याकांड के बाद दिल्ली में इन 3 लोगों ने असद की मदद की थी. हत्याकांड के बाद असद दिल्ली में छिपा हुआ था. दिल्ली से असद ने एक शख्स को मेरठ भेजा था, जहां से पैसे मंगाए थे. सूत्रों के मुताबिक, अतीक का पुराना ड्राइवर दिल्ली में रहता है. उसने मेरठ से पैसे लाकर असद को दिए थे.

24 फरवरी को प्रयागराज में कर दी गई थी उमेश पाल की हत्या

बता दें कि प्रयागराज में बीते 24 फरवरी को उमेश पाल और उनके सुरक्षा कर्मियों की बदमाशों ने गोली और बम मारकर हत्या कर दी थी. उमेश पाल कुछ साल पहले हुई राजू पाल की हत्या के मामले में गवाह थे. 24 फरवरी को उमेश गाड़ी से उतर रहे थे, उसी दौरान बदमाशों ने उन पर फायरिंग कर हत्या कर दी थी. इस दौरान उमेश के साथ उनके गनर की भी मौत हो गई थी. बदमाशों ने इस हत्याकांड को 44 सेकेंड में अंजाम दिया था.

राजू पाल की हत्या में गवाह उमेश का कर लिया गया था अपहरण

राजू पाल की हत्या के केस में अतीक अहमद, उसका भाई अशरफ समेत पांच आरोपी नामजद थे. जबकि पुलिस ने चार अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया था. इस केस में राजू पाल के रिश्तेदार उमेश पाल मुख्य गवाह थे. उमेश का 28 फरवरी 2006 को अपहरण कर लिया गया था. इसका आरोप अतीक अहमद और उसके साथियों पर लगा था.

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17 साल पुराने मामले में अतीक अहमद को सुनाई जा चुकी है सजा

17 साल पुराने उमेश पाल अपहरण केस में बीते दिनों प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट ने फैसला सुनाया था. कोर्ट ने बाहुबली अतीक अहमद समेत 3 आरोपियों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी. कोर्ट ने अपहरण के मामले में अतीक के अलावा हनीफ, दिनेश पासी को भी दोषी पाया था.

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कोर्ट ने तीनों पर 1- 1 लाख का जुर्माना लगाया, जबकि अतीक के भाई अशरफ समेत 7 को बरी कर दिया गया. अतीक पर 100 से ज्यादा केस दर्ज हैं, लेकिन पहली बार उसे किसी केस में सजा सुनाई गई.

अतीक की पत्नी, बेटे अली और साबिर पर एक और केस दर्ज

माफिया अतीक अहमद की पत्नी, बेटे अली और साबिर पर एक और केस दर्ज किया गया है. प्रयागराज के थाना धूमनगंज में पुलिस कस्टडी रिमांड पर लिए गए राकेश उर्फ नाकेश ने शाइस्ता परवीन द्वारा दिए गए बैग को छिपा दिया था. उसकी निशादेही पर अली अहमद के फोटो लगे दो आधार कार्ड बरामद हुए हैं. इसमें एक आधार कार्ड मोहम्मद साबिर के नाम है.

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इस आधार कार्ड पर अली अहमद पुत्र अतीक का फोटो लगा है, ये आधार कार्ड फर्जी है. इस संबंध में शाइस्ता परवीन पत्नी अतीक अहमद, अली अहमद पुत्र अतीक अहमद और साबिर के विरुद्ध केस दर्ज किया गया है. पुलिस इस मामले की जांच कर रही है.

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