Umesh Pal Murder Case: उमेश पाल हत्याकांड के बाद अतीक अहमद गैंग से मिलीभगत के शक में एक और इंस्पेक्टर का तबादला कर दिया गया है. अब तक कुल नौ पुलिसकर्मियों का तबादला कर दिया गया है.
इंस्पेक्टर जुनेद आलम को प्रयागराज से पुलिस अकेडमी मुरादाबाद भेज दिया गया है. इससे पहले प्रयागराज पुलिस ने आठ पुलिसकर्मियों का तबादला कर दिया था. विभागीय जांच में इस बात की पुष्टि होने के बाद एक इंस्पेक्टर सहित आठ पुलिसकर्मियों का ट्रांसफर कर दिया गया. इन पुलिसकर्मियों के माफिया डॉन अतीक अहमद के करीबी होने की बात सामने आई थी.
बता दें कि अतीक अहमद गैंग से सांठगांठ कर प्रयागराज में जमे पुलिसकर्मियों की पहचान की जा रही है. कहा जा रहा है कि इस मामले में अभी और भी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई होनी है. दरसअल, उमेश पाल हत्याकांड के बाद यूपी पुलिस लगातार एक्शन में है. शूटरों और अतीक के गुर्गों के साथ-साथ अतीक के करीबी पुलिसकर्मियों पर भी पुलिस विभाग की नजर थी. जांच के बाद अतीक और उसकी गैंग के संपर्क में रहने वाले नौ पुलिकर्मियों का तबादला कर दिया गया है.
यह रहे पुलिसकर्मियों के नाम
- प्रयागराज थाने में तैनात इंस्पेक्टर जुनेद आलम का हुआ तबादला
- धूमनगंज थाने में तैनात इंस्पेक्टर वजी उल्लाह का हुआ तबादला
- करैली थाने में तैनात दारोगा इबरार अहमद का सीतापुर हुआ तबादला
- दारोगा समी आलम को मेरठ पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय भेजा गया
- दारोगा उबैदुल्ला अंसारी को जालौन पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय भेजा गया
- सिपाही फारूक अहमद को शाहजहांपुर, बाबर अली को कानपुर देहात
- सिपाही महफूज आलम को ललितपुर और मोहम्मद अयाज खान का बदायूं किया गया है ट्रांसफर
उमेश पाल हत्याकांड में कैसे फंसा अतीक अहमद?
- 19 साल पहले 2004 के लोकसभा चुनाव में बाहुबली नेता अतीक अहमद ने समाजवादी पार्टी के टिकट पर यूपी की फूलपुर सीट से चुनाव जीता. उस समय अतीक अहमद इलाहाबाद पश्चिम सीट से विधायक भी थे.
- अतीक अहमद सांसद बने तो विधायकी छोड़नी पड़ी. उपचुनाव में समाजवादी पार्टी ने अतीक अहमद के छोटे भाई अशरफ को उम्मीदवार बनाया, जबकि बसपा की ओर से राजू पाल मैदान में थे. उपचुनावों में राजू पाल की जीत हुई.
- राजू पाल पहली बार विधायक बने थे. 25 जनवरी 2005 को दिनदहाड़े गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई. इस हत्याकांड में अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ का नाम सामने आया.
- राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल थे. उन्हें धमकियां भी मिलती थीं. जिसके बाद अदालत के आदेश पर उमेश पाल को यूपी पुलिस की तरफ से सुरक्षा के लिए दो गनर मिले थे.
- उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने आरोप लगाया है कि 2006 में अतीक अहमद और उसके साथियों ने उनके पति को अदालत में उनके पक्ष में गवाही देने के लिए धमकाया था.
- राजू पाल हत्याकांड की सुनवाई से जब उमेश पाल और उनके दो गनर घर लौटे, तभी उन पर ये हमला हुआ. हमलावरों ने पहले बम फेंका और फिर कई राउंड फायरिंग की.