उत्तर प्रदेश में प्रयागराज के चर्चित उमेश पाल शूटआउट केस में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. इस केस में बड़े मियां और छोटे मियां समेत कई नाम सामने आए हैं. दरअसल, माफिया अतीक अहमद के साथ ही उसके परिवार के लोगों और गिरोह ने बीएसपी विधायक राजू पाल मर्डर केस के गवाह उमेश पाल की हत्या की साजिश काफी पहले रच ली थी.
गुजरात की साबरमती और यूपी की बरेली जेल में रची गई इस साजिश में तय हो चुका था कि वारदात से पहले और बाद में कोई भी अपने मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करेगा. करीब 10 दिन पहले वारदात में शामिल सभी लोगों को एक-एक आईफोन और तीन-तीन सिम कार्ड दिए गए थे.
इसी के साथ यह भी तय किया गया था कि आईफोन पर एप के जरिए बातचीत में कोई भी व्यक्ति एक दूसरे का नाम नहीं लेगा, कोडवर्ड के जरिए ही बातचीत की जाएगी. इसी आधार पर वारदात में शामिल सभी लोगों के नाम के अलग कोडवर्ड तैयार किए गए थे. बातचीत में नाम के बदले उन्हीं कोड वर्ड का इस्तेमाल किया जाता था.
अतीक के घर से मिले रजिस्टर से डीकोड हुए कोड वर्ड्स
पुलिस ने माफिया अतीक अहमद के पुश्तैनी घर से जो रजिस्टर बरामद किया है, उसमें इन कोड वर्ड्स को लेकर चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. इसके अलावा पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए अतीक अहमद के मुंशी, ड्राइवर और नौकर से भी पुलिस को कोड वर्ड्स को लेकर तमाम जानकारियां हासिल हुई हैं. पुलिस द्वारा अब तक की गई पड़ताल में वारदात में शामिल तमाम लोगों के कोड वर्ड का खुलासा हो गया है.
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अतीक अहमद बड़े और अशरफ को छोटे कहकर बात करते थे आरोपी
सूत्रों के मुताबिक, उमेश पाल शूटआउट केस की साजिश के दौरान गुजरात की साबरमती जेल में बंद माफिया अतीक अहमद को 'बड़े' नाम दिया गया था. इसी तरह यूपी की बरेली जेल में बंद अतीक अहमद के भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ को 'छोटे' कोड वर्ड दिया गया था. इसी तरह वारदात में शामिल पांच -पांच लाख के इनामी पांचों शूटर्स के नाम के भी कोड वर्ड तैयार किए गए थे.
छिपकर फायरिंग करने वाले को उल्लू, गुड्डू मुस्लिम को मुर्गी का कोड वर्ड
इलेक्ट्रिक शॉप में छिपकर फायरिंग करने वाले शूटर गुलाम को 'उल्लू' कोड वर्ड दिया गया था. शूटर गुड्डू मुस्लिम के परिवार वाले चिकन शॉप चलाते हैं, इसलिए कोड वर्ड में उसका नाम 'मुर्गी' रखा गया था. शूटर अरमान बिहार के सासाराम का रहने वाला है, इसलिए उसे 'बिहारी' कोड वर्ड दिया गया. शूटर विजय चौधरी इसी नाम से जाना जाता था, इसलिए कोड वर्ड में उसका नाम 'उस्मान' रखा गया था.
अतीक के बेटे असद को 'राधे' और पत्नी को 'साईं बाबा' का दिया था कोड वर्ड
सबसे चर्चित शूटर माफिया अतीक अहमद के बेटे असद अहमद को 'राधे' कोड वर्ड दिया गया था. दरअसल, कहा जा रहा है कि फिल्म तेरे नाम में सलमान खान ने जिस तरह बड़े-बड़े बाल रखे थे, असद भी उसी स्टाइल में लंबे बाल रखता था. फिल्म तेरे नाम में सलमान खान ने 'राधे' का किरदार निभाया था, इस वजह से असद को 'राधे' कोड वर्ड दिया गया था.
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शूटआउट में माफिया अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन ने भी अहम भूमिका निभाई थी. वह साजिश वाली बैठकों में शामिल भी होती थी. इसी वजह से पहले उसे 'गॉड मदर' कोड एलॉट किया गया था. हालांकि 'गॉड मदर' कोड से किसी महिला के बारे में बातचीत किए जाने का एहसास होता है, इसलिए बाद में शाइस्ता परवीन का कोड बदल दिया गया और उसे 'गॉड मदर' के बदले 'साईं बाबा' कोड वर्ड से पुकारा जाने लगा.
इन आरोपियों को कहा जाता था लंगड़ा, मुनीम और डॉक्टर
इस पूरी वारदात में अतीक अहमद के परिवार के अकाउंट का काम देखने वाले आसाद कालिया का भी अहम रोल था. आरोप है कि आसाद कालिया ने ही शूटर साबिर को राइफल मुहैया कराई थी. उसे कमर में दर्द रहता है. इस वजह से वह अक्सर तेज नहीं चल पाता है. इसके चलते आसाद कालिया को 'लंगड़ा' नाम दिया गया था. अतीक के मुंशी को 'मुनीम' कोड वर्ड दिया गया था. बहनोई डॉक्टर अखलाक पेशे से चिकित्सक है, लिहाजा उसे 'डॉक्टर' कोड वर्ड दिया गया था.
साजिश में शाइस्ता के अलावा दूसरी महिला कौन? जांच में जुटी पुलिस
यह सारे कोड वर्ड जांच एजेंसियों ने डीकोड कर लिए हैं. हालांकि अभी तमाम लोगों के कोड का पुलिस पता नहीं लगा सकी है. सूत्रों के मुताबिक, कुछ लोगों को पंडित, तोता, बल्ली, कछोली, सैम, हलवाई, शेरू, रसिया और माया कोड वर्ड भी दिए गए थे. इसके अलावा 'मैडम' कोड वर्ड भी अलॉट किया गया था. शाइस्ता के अलावा दूसरी मैडम कौन है, यह अभी सस्पेंस है. पुलिस को उम्मीद है कि वारदात में सीधे तौर पर शामिल शूटरों व गैंग की गॉड मदर कही जाने वाली शाइस्ता परवीन के पकड़े जाने पर ही दूसरे कोड खुल सकेंगे.