उत्तर प्रदेश के आगरा में पुलिस ने एक लावारिस लाश का अंतिम संस्कार कर दिया. लेकिन कुछ दिन बाद जब दिल्ली पुलिस मृतक के परिजनों के साथ यहां पहुंची तो मृतक की पहचान मोहसीन खान के तौर पर हुई. जो कि दिल्ली का रहने वाला था. पीड़ित परिवार ने बताया कि मृतक सब्जी का आढ़ती था और वह 20 जनवरी को आगरा घूमने आया था.
वहीं, पुलिस को व्यापारी मोहसीन खान की लाश 21 जनवरी को छलेसर पुलिस चौकी से थोड़ी दूर मिली. पुलिस मान रही थी कि मृतक किसी हादसे का शिकार हुआ है.
मृतक के परिजनों ने बताया कि 2 दिन तक जब मोहसीन दिल्ली नहीं आया तो उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट थाने में दर्ज कराई गई. इस दौरान उसका फोन बंद आ रहा था. लेकिन 27 जनवरी को अचानक उसका फोन ऑन हुआ और दिल्ली पुलिस को उसकी लोकेशन आगरा मिली. तुरंत ही पुलिस की एक टीम मोहसीन के परिजनों को साथ आगरा पहुंची. जांच के दौरान मोहसीन का फोन दो ऑटो चालकों के पास मिला और तुरंत ही राजेश और सोनू को गिरफ्तार कर लिया गया.
पूछताछ में ऑटो चालकों ने पुलिस को बताया कि घटना के दिन मोहसीन रामबाग चौराहे पर घूम रहा था. आईडी न होने की वजह से उसे किसी होटल में कमरा नहीं मिला और फिर ऑटो चालक उसे अपने घर ले गए. वहां पर मोहसीन को खाना खिलाया और अपने ही घर पर ही सुला लिया. दूसरे दिन सुबह जब महसीन ऑटो चालकों को बिना पैसे दिए जाने लगा तो उन्होंने उसका फोन छीनकर अपने पास रख लिया. लेकिन ऑटो चालक ने पुलिस से कहा कि उन्होंने मोहसीन की हत्या नहीं की.
वहीं मृतक के परिजनों ने पुलिस को बताया कि मोहसीन सोने की चेन पहनता था और उसके पास करीब 40 से 50 हजार रुपये भी थे. इस मामले पर एसीपी एत्मादपुर ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है. जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे उसी के आधार पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. दोनों आरोपी पुलिस की गिरफ्त में हैं. उनसे पूछताछ जारी है.