यूपी में लोकसभा 2024 की तैयारी में पहले से लगी भारतीय जनता पार्टी इस बार के चुनाव में एक बार फिर से अपने सांसदों का रिपोर्ट कार्ड तैयार करवा रही है. इस रिपोर्ट कार्ड के आधार पर तय होगा कि किन प्रत्याशियों को टिकट दिया जाएगा किन के टिकट काटे जाएंगे और किन्हें दोबारा चुनावी मैदान में पार्टी उतार सकती है. ऐसे में चुनाव जीतने के बाद अपने संसदीय क्षेत्र से दूर रहना तमाम प्रत्याशियों को महंगा पड़ सकता है इसका आंकलन पार्टी की इंटरनल इकाई कर रही है जो कि इस बात को तय करेगी कि सांसदों का परफॉर्मेंस कैसा रहा.
वहीं दूसरी तरफ इस आंकलन में पूरी गोपनीयता बरती जा रही है. इसके साथ ही साथ इस बात पर भी नजर होगी कि सांसद का आचरण पब्लिक में कैसा रहा, इसके अलावा उसने अपने क्षेत्र के लिए क्या कुछ किया. ये इस बात पर भी आधारित होगा कि कार्यकर्ताओं और जनता में उनकी छवि से लेकर उनकी काम करने की शैली कैसी रही यह भी सर्वे का अंग होगा.
फीडबैक लेगी पार्टी
हाल में प्रधानमंत्री मोदी ने भी अपने तमाम सांसदों से अपने अपने क्षेत्र में रहने को कहा था, उसी फीडबैक के आधार पर भी तय किया जाएगा कि प्रत्याशी की दावेदारी उसकी जमीन हकीकत से कितने मेल खाती है. पार्टी के आंतरिक सूत्रों के मुताबिक फीडबैक के आधार और सर्वेक्षण के मुताबिक तमाम सीटों की रिपोर्ट शीर्ष नेतृत्व तक पहुंचती है और उसी के आधार पर प्रत्याशी की दावेदारी तय की जाती है जिसे लेकर पार्टी में यह प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.
2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में मिली थी प्रचंड जीत
उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रचंड जीत हासिल की थी, जिसे अब बीजेपी इस बार 80 सीटों पर काबिज होने की रणनीति बना रही है. वहीं जहां 2019 की हारी हुई 16 सीटों पर जीत का दारोमदार होगा तो इस बार पार्टी रायबरेली समेत कुछ बड़ी सीटों पर हर हालत में काबिज होने की तैयारी में है. पार्टी के कार्यकर्ता बूथ लेवल पर अभी से चुनावी जमीन तैयार करने में लग गए हैं.
2019 के लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी मोदी लहर में 64 सीटें जीतने में कामयाब रही तो वही अब चुनौती तीसरी बार लगातार उत्तर प्रदेश से सबसे ज्यादा सीटें जीतने की है, ऐसे में जिन सांसदों ने क्षेत्र में काम नहीं किया या जिनके प्रति जनता की नाराजगी रही उन सांसदों का टिकट काटने की तैयारी है.
पार्टी पहले भी ले चुकी है फीडबैक
बीजेपी इससे पहले भी विधानसभा और लोकसभा के चुनाव में प्रयोग को अपना चुकी है, जिसका फायदा उसे चुनाव में लगातार मिला है, लेकिन चुनौती और भी ज्यादा है. ऐसे में पार्टी मोदी के चेहरे के साथ-साथ स्थानीय तौर पर मजबूत प्रत्याशी उतारकर पूरा करना चाहती है. आजतक से बात करते हुए यूपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने कहा कि पार्टी पूरी तैयारी के साथ काम कर रही है और प्रत्याशी को लेकर चयन की प्रक्रिया तय समय पर कर ली जाएगी. बीजेपी हमेशा अपने रिपोर्ट कार्ड के साथ चुनाव में जाती है इस बार भी ऐसा ही होगा.
रिपोर्ट कार्ड देखा जाएगा
चौधरी ने कहा कि लोकसभा 2024 चुनाव के लिए भी प्रत्याशियों का चयन उनके रिपोर्ट कार्ड के आधार पर होगा, पार्टी हमेशा काम को प्राथमिकता देती है और वही चयन का भी पैमाना होता है. प्रत्याशी चयन की एक प्रक्रिया है जो निचले स्तर पर बातचीत करके आगे बढ़ती है, जिसको केंद्रीय चुनाव समिति अंतिम मुहर लगाती है, अलग-अलग स्तर पर सभी के फीडबैक के आधार पर निर्णय होता है.
वहीं दूसरी तरफ धर्म सिंह सैनी और दारासिंह चौहान जैसे पुराने नेताओं की वापसी पर भूपेंद्र चौधरी ने कहा कि पार्टी का सीधा निर्देश है कि जो हमारी विचारधारा और हमारे साथ काम कर सकता है उसका स्वागत है. पार्टी का मेंबरशिप का कार्यक्रम ऑनलाइन चल रहा है, कोई भी पार्टी ज्वाइन कर सकता है. पार्टी कार्यकर्ता के काम को तरजीह देती है और उसे के आधार पर दावेदारी तय होती है.