भारतीय किसान यूनियन ने बुधवार को यूपी के हाथरस जिले के सिकंदराराऊ कस्बे में महापंचायत की, जिसमें किसान नेता राकेश टिकैत ने न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर देशभर में आंदोलन का आह्वान किया. नगर निगम मैदान में सभा को संबोधित करते हुए टिकैत ने किसानों से अपनी जमीन न बेचने और आंदोलन के लिए परिवार के कम से कम एक सदस्य को तैयार करने का आग्रह किया.
उन्होंने कहा, "अगर हर परिवार 10 दिन आंदोलन और 20 दिन खेती के लिए समर्पित करे, तो उनकी जमीन सुरक्षित रहेगी."
पीटीआई के मुताबिक टिकैत ने दावा किया कि बिहार में किसानों को उनकी फसलों का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है. उन्होंने कहा, "बिहार में देशभर में पॉपकॉर्न के लिए इस्तेमाल होने वाला मक्का पैदा होता है, लेकिन वहां के किसानों को केवल 12-14 रुपये प्रति किलो का भाव मिलता है. यही वजह है कि कई किसान बिहार छोड़कर पलायन कर गए हैं."
उन्होंने इस स्थिति के लिए बिहार में कृषि बाजारों (मंडियों) को खत्म करने को जिम्मेदार ठहराया और चेतावनी दी कि नई नीति से देशभर में मंडियां धीरे-धीरे बंद हो सकती हैं.
टिकैत ने आरोप लगाते हुए कहा, "उनकी योजना मंडी की जमीन को 500 से 1,000 वर्ग मीटर के भूखंडों में 99 साल के लिए पट्टे पर देने की है. अगर ऐसा हुआ तो 10-15 साल में मंडियां खत्म हो जाएंगी."
उन्होंने किसानों से उदासीन रवैये वाले अधिकारियों के खिलाफ प्रदर्शन करने का आह्वान भी किया. उन्होंने कहा, "अगर अधिकारी आपकी चिंताओं का समाधान नहीं करते हैं तो उनके कार्यालयों पर 72 घंटे का धरना दें."