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यूपी उपचुनाव: कांग्रेस, सपा और बसपा ने नियुक्त किए पर्यवेक्षक, अखिलेश के लिए क्यों मायने रखता है बाय इलेक्शन?

सपा के लिए यूपी में 10 सीटों पर होने वाला उपचुनाव बहुत मायने रखता है. अखिलेश यादव और उनकी पार्टी यह साबित करना चाहते हैं कि लोकसभा चुनावों 37 सीटें जीतना, कोई तुक्का नहीं था. सपा नेता तेज नारायण उर्फ पवन पांडेय ने कहा, 'हम तो सुने ही नहीं कि कहीं भाजपा जिंदाबाद का नारा लगता हो.

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फाइल फोटो
फाइल फोटो

उत्तर प्रदेश में 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए कांग्रेस, समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी बसपा) तीनों ने पर्यवेक्षक नियुक्त कर दिए हैं. कांग्रेस की ओर से कानपुर की सीसामऊ सीट के लिए अमेठी के सांसद किशोरी लाल शर्मा पर्यवेक्षक बनाए गए हैं. मीरापुर सीट के लिए इमरान मसूद पर्यवेक्षक बनाए गए हैं. कुंदरकी सीट के लिए सांसद राकेश राठौर को पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है. वहीं गाजियाबाद सीट के लिए बाराबंकी से सांसद तनुज पुनिया पर्यवेक्षक का जिम्मा संभालेंगे. 

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इन सीटों पर भी पर्यवेक्षक नियुक्त
कांग्रेस ने मझवा सीट के लिए विधायक वीरेंद्र चौधरी, फूलपुर के लिए सांसद उज्जवल रमण सिंह, कटेहरी सीट के लिए पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी, मिल्कीपुर सुरक्षित सीट के लिए पूर्व एमएलए अखिलेश प्रताप सिंह को पर्यवेक्षक नियुक्त किया है. खैर सुरक्षित सीट पर पूर्व विधायक राजकुमार रावत पर्यवेक्षक बनाए गए हैं. करहल सीट के लिए रामनाथ सिकरवार को पर्यवेक्षक बनाया गया है. कांग्रेस ने सभी 10 सीटों के लिए पर्यवेक्षक की घोषणा कर दी है.

सपा ने भी नियुक्त किए पर्यवेक्षक
इंडिया गठबंधन में साथ चुनाव लड़ने वाली समाजवादी पार्टी विधानसभा उपचुनाव के लिए अपनी तैयारी कर रही है. समाजवादी पार्टी ने मझवां, करहल, सीसमऊ, फूलपुर, कटहरी, मिल्कीपुर के प्रभारी नियुक्त कर दिए हैं. शिवपाल यादव को कटेहरी की जिम्मेदारी मिली है, अवधेश प्रसाद को मिल्कीपुर, इंद्रजीत सरोज को फूलपुर की जिम्मेदारी सौंपी गई है. अन्य नेताओं की भी जिम्मेदारी तय की गई है.

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बसपा के पर्यवेक्षक भी नियुक्त
आमतौर पर उपचुनाव से दूरी बनाने वाली बसपा भी इस बार उपचुनाव लड़ने की तैयारी में है. 2012 के बाद पहली बार होगा जब बसपा विधानसभा उपचुनाव लड़ने जा रही है. बसपा प्रमुख मायावती भी इसे लेकर एक्शन मोड में हैं. बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कटेहरी विधानसभा उपचुनाव के लिए अमित वर्मा उर्फ जितेंद्र भैया को बसपा प्रभारी बनाया है. सोमवार को बसपा के प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल के साथ अमित वर्मा और उनके पिता रामकेश वर्मा ने मायावती से मुलाकात की.

सपा के लिए 2027 के लिहाज से उपचुनाव महत्वपूर्ण 
सपा के लिए यूपी में 10 सीटों पर होने वाला उपचुनाव बहुत मायने रखता है. अखिलेश यादव और उनकी पार्टी यह साबित करना चाहते हैं कि लोकसभा चुनावों 37 सीटें जीतना, कोई तुक्का नहीं था. सपा नेता तेज नारायण उर्फ पवन पांडेय ने कहा, 'हम तो सुने ही नहीं कि कहीं भाजपा जिंदाबाद का नारा लगता हो. भाजपा बची ही नहीं है. माइक्रोस्कोप से देखने पर भी कहीं दिखाई नहीं पड़ता कि भाजपा कोई चीज है. अभी लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की महान और देव तुल्य जनता ने उनकी प्रतिष्ठा को तार तार किया. उनको हराकर उनकी प्रतिष्ठा की धज्जियां उड़ाईं.'

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मिल्कीपुर और कटेहरी सीट का जातिगत समीकरण 
मिल्कीपुर में लगभग 65 हजार ब्राह्मण, 55 हजार पासी, 22 हजार कोरी, 15 हजार हरिजन, 25 हजार क्षत्रिय, 23 हजार मुस्लिम, 20 हजार चौरसिया, 17 हजार बनिया और 55 हजार यादव मतदाता हैं. सुरक्षित सीट होने के कारण सभी पार्टियों के प्रत्याशी दलित बिरादरी से होंगे. इस बार बसपा और चंद्रशेखर रावण भी अपने प्रत्याशी उतारेंगे. कटेहरी विधानसभा सीट पर कुल 18.50 लाख से ज्यादा मतदाता हैं. इनमें 4 लाख दलित और 3.70 लाख मुस्लिम हैं. इनके अलावा यहां 1.78 लाख कुर्मी, 1.70 लाख यादव, 1.35 लाख ब्राह्मण और 1 लाख ठाकुर मतदाता हैं. इसलिए मिल्कीपुर और कटेहरी का चुनावी गणित और समीकरण दिलचस्प होने वाला है. इसी के अनुसार पार्टियां भी तैयारियों में जुट गई हैं.

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