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'उपचुनाव में सरकारी तंत्र कर रहा भेदभाव', चुनाव आयोग पहुंच सपा महासचिव राम गोपाल यादव ने की शिकायत

यूपी की मैनपुरी लोकसभा सीट और दो विधानसभा सीटों के लिए हो रहे उपचुनाव में सरकारी तंत्र की भूमिका पर विपक्षी सपा ने सवाल उठाए हैं. सपा के राष्ट्रीय महासचिव राम गोपाल यादव ने चुनाव आयोग पहुंचकर ज्ञापन दिया है. सपा महासचिव राम गोपाल यादव ने सरकारी तंत्र पर भेदभाव करने का आरोप लगाया है.

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राम गोपाल यादव (फाइल फोटो)
राम गोपाल यादव (फाइल फोटो)

उत्तर प्रदेश की मैनपुरी लोकसभा सीट और रामपुरी, खतौली विधानसभा सीट पर उपचुनाव हो रहे हैं. इस उपचुनाव में सरकारी तंत्र की भूमिका पर सवाल उठाते हुए विपक्षी समाजवादी पार्टी (सपा) अब चुनाव आयोग पहुंच गई है. सपा के राष्ट्रीय महासचिव राम गोपाल यादव ने चुनाव आयोग पहुंचकर ज्ञापन दिया और सरकारी तंत्र पर भेदभाव करने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई है.

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यूपी की मुख्य विपक्षी पार्टी सपा उपचुनाव की घोषणा के बाद से ही लगातार अफसरों की कार्यशैली पर सवाल उठाती रही है. सपा के राष्ट्रीय महासचिव राम गोपाल यादव ने इसे लेकर अब चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया है. राम गोपाल यादव ने निर्वाचन आयोग को ज्ञापन सौंपकर निष्पक्ष चुनाव कराने की अपील की है.

सपा का आरोप है कि स्थानीय प्रशासन लोगों पर सत्तारुढ़ दल के उम्मीदवार को ही वोट देने का दबाव बना रहा है. इसे लेकर सपा नेताओं के एक डेलिगेशन ने 27 नवंबर को यूपी के मुख्य निर्वाचन अधिकारी यानी सीईओ से भी मुलाकात की थी. राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से सपा के डेलिगेशन ने प्रशासनिक अधिकारियों की शिकायत करते हुए जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को हटाने की मांग की थी.

सपा नेताओं के डेलिगेशन ने भी आरोप लगाया था कि प्रशासनिक अधिकारी बीजेपी के समर्थन में वोट डालने के लिए लोगों पर दबाव बना रहे हैं. सपा नेताओं का कहना है कि मैनपुरी में डीएम और एसएसपी जिला पंचायत सदस्यों, ग्राम प्रधानों, ग्राम पंचायत सदस्यों और बीडीसी सदस्यों पर बीजेपी का समर्थन करने के लिए अनुचित दबाव बना रहे हैं.

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पिछले हफ्ते सपा नेता आजम खान ने भी कुछ इसी तरह का आरोप लगाया था. आजम खान ने पुलिस प्रशासन पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए कहा था कि उनके कई समर्थकों के घरों में दरवाजे तक तोड़ दिए गए. आजम ने अपने समर्थकों पर सपा का समर्थन नहीं करने के लिए दबाव बनाए जाने का आरोप लगाया था. आजम के मुताबिक पुलिस प्रशासन की बात बात नहीं मानने पर उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है.

 

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