उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने अपनी नई कार्यकारिणी का ऐलान कर दिया है. अजय राय के प्रदेशाध्यक्ष बनने के बाद से ही इस कार्यकारिणी का इंतजार हो रहा था, जिसमें 16 उपाध्यक्षों सहित कुल 130 पदाधिकारी बनाए गए हैं. नई कार्यकारिणी में 38 महासचिव और 76 सचिव भी शामिल हैं. यूपी कांग्रेस की इस नई टीम को लेकर कुछ सवाल भी उठने शुरू हो गए हैं, तो वहीं पार्टी की भविष्य की योजनाओं के बारे में भी पता चलता है.
नई कार्यकारिणी में शामिल 130 पदाधिकारियों में दलित, मुस्लिम और ओबीसी सदस्यों की संख्या 88 है, जबकि सिर्फ तीन महिलाओं को जगह दी गई है. आपको यहां याद दिला दें कि यूपी कांग्रेस ने प्रियंका गांधी के नेतृत्व में 2022 का यूपी विधानसभा चुनाव लड़ा था, तब उन्होंने 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' का नारा दिया था. लेकिन जब प्रदेश में कांग्रेस की टीम चुनने की बारी आई तो महिलाओं की अनदेखी की गई.
यूपी कांग्रेस की नई टीम में युवाओं को ज्यादा प्रतिनिधित्व
यूपी कांग्रेस की नई टीम में इस बात का ध्यान रखा गया है कि युवाओं को ज्यादा से ज्यादा मौका दिया जाए. नई कार्यकारिणी में शामिल पदाधिकारियों में 70 फीसदी की उम्र 50 साल से कम है. वहीं 60 साल से ज्यादा उम्र के पदाधिकारी 10 फीसदी से भी कम हैं. राहुल गांधी इन दिनों लगभग हर सार्वजनिक सभा में ओबीसी का मुद्दा उठा रहे हैं और 'जितनी आबादी उतना हक' का नारा बुलंद कर रहे हैं.
कार्यकारिणी में OBC को तवज्जो, महिलाओं की अनदेखी
यूपी कांग्रेस की नई कार्यकारिणी में राहुल गांधी के इस कैम्पेन का असर दिख रहा है. ओबीसी पदाधिकारियों की संख्या सबसे ज्यादा है. कुल 130 में से 43 पदाधिकारी ओबीसी वर्ग के हैं. उसके बाद सामान्य वर्ग से 41 पदाधिकारी बनाए गए हैं, 22 मुसलमान और 23 दलित चेहरों को नई कार्यकारिणी में जगह मिली है. उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के लगभग सभी बड़े और पुराने चेहरे कार्यकारिणी से बाहर हैं, जबकि दूसरे दलों से आए नेताओं को तवज्जो दी गई है.
दूसरे दलों से आए नेताओं को भी नई कार्यकारिणी में एंट्री
लखीमपुर खीरी के पूर्व सांसद रवि वर्मा की बेटी पूर्वी वर्मा को सचिव बनाया गया है. सपा से कांग्रेस में शामिल हुए राकेश राठौर को महासचिव बनाया गया है. यूं तो यूपी कांग्रेस ने अपनी नई टीम में सभी जाति और बिरादरी का ध्यान रखा है, लेकिन बड़ी आलोचना महिलाओं की भागीदारी को लेकर हो रही है. कुल 130 पदाधिकारियों में उनकी संख्या सिर्फ 3 है. कांग्रेस ने इस टीम के जरिए क्षेत्रीय समीकरण भी साधने की भरपूर कोशिश की है. पश्चिमी यूपी, ब्रज, अवध, बुंदेलखंड और पूर्वांचल के नेताओं को नई कार्यकारिणी में स्थान दिया गया है.