उत्तर प्रदेश के बिजलीकर्मियों की 72 घंटे की हड़ताल गुरुवार रात 10 बजे से शुरू हो गई है. इस हड़ताल के समर्थन में देशभर के 27 लाख बिजलीकर्मी सड़कों पर उतर आए हैं. शांतिपूर्ण आंदोलन के दौरान किसी भी बिजलीकर्मी को गिरफ्तार किया गया तो अनिश्चितकालीन हड़ताल के साथ जेल भरो आंदोलन की चेतावनी दी गई है. वहीं, योगी सरकार सख्ती के मूड में आ गई है. ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि कार्यों में व्यवधान डालने, कार्मिक के साथ दुर्व्यवहार करने, सरकारी सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने की स्थिति में एनएसए और रासुका के प्रावधानों के तहत भी एक्शन लिया जाएगा.
बता दें कि उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मचारियों ने हड़ताल का ऐलान किया है. गुरुवार रात से पूरे राज्य में कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं. कर्मचारियों ने कहा है कि अगर हमारे किसी कर्मचारी पर एक्शन लिया गया तो वे अनिश्चितकालीन आंदोलन करेंगे. वहीं, मंत्री शर्मा ने स्पष्ट कहा है कि अत्यावश्यक सेवाओं में शामिल विद्युत व्यवस्था में किसी भी प्रकार का व्यवधान डालने पर एस्मा के तहत कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश के विकास में रुकावट पैदा करने वाले और लोगों की उपलब्ध सुविधाओं में अड़चनें पैदा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी.
कर्मचारी बोले- मांगों को पूरा करे राज्य सरकार
आंदोलन का ऐलान करने वाले कर्मचारियों का कहना है कि जो समझौता हुआ था, उसका इम्प्लीमेंट होना चाहिए. अगर समझौते का पालन नहीं होगा तो प्रश्नचिन्ह खड़ा होगा. हमारी नाराजगी किसी से नहीं है. एक लाख कर्मचारी हड़ताल में शामिल होंगे. देश के 27 लाख कर्मियों के संगठन भी हमारे समर्थन में आए हैं. कर्मचारी संगठन का कहना है कि गुरुवार की मीटिंग में भी प्रबंधन के लोग नहीं आए. पावर कॉरपोरेशन के रवैये से हम हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर हुए हैं. हम किसी से भी बात करने को तैयार हैं. विद्युत संघर्ष समिति ने 72 घंटे का कार्य बहिष्कार प्रस्तावित किया है.
'समर्थन में सड़क पर उतर आए हैं अन्य प्रांतों के कर्मचारी'
बिजलीकर्मियों ने बताया कि गुरुवार रात 10 बजे से 72 घंटे की सांकेतिक हड़ताल पर जाने का फैसला किया है. नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रीसिटी इम्प्लॉइज एण्ड इंजीनियर्स(एनसीसीओईईई) के आह्वान पर हड़ताल शुरू हुई है. इस हड़ताल के समर्थन में देश के सभी प्रांतों में लाखों बिजलीकर्मी सड़क पर उतर कर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. एनसीसीओईईई के राष्ट्रीय संयोजक प्रशान्त चौधरी, आज इण्डिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन के सेक्रेटरी जनरल पी. रत्नाकर राव, ऑल इण्डिया फेडरेशन ऑफ पावर डिप्लोमा इंजीनियर्स के राष्ट्रीय अध्यक्ष आर.के. त्रिवेदी ने गुरुवार को लखनऊ पहुंच कर बिजलीकर्मियों की सभा को संबोधित किया.
... तो अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे
कर्मचारियों ने आगे कहा है कि 28000 मेगावाट की मांग है. एनटीपीसी और प्राइवेट घरानों से महंगी बिजली खरीदी जा रही है. हमारे किसी कर्मचारी पर कार्रवाई हुई तो अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे. एनसीसीओईईई के पदाधिकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि शांतिपूर्ण ढंग से आन्दोलन कर रहे उप्र के बिजलीकर्मियों का किसी भी प्रकार से उत्पीड़न किया गया तो देश के अन्य प्रांतों के 27 लाख बिजलीकर्मी मूकदर्शक नहीं रहेंगे. किसी भी दमनकारी कदम का देशभर में प्रतिकार किया जायेगा.
सरकार को एम्सा एक्ट को लागू करने का अधिकार
बताते चलें कि राज्य सरकार को आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्मा एक्ट) लागू करने का अधिकार है. इस एक्ट के लागू होने के बाद आवश्यक सेवाओं में लगे सरकारी कर्मचारी किसी तरह की हड़ताल पर नहीं जा सकते हैं. अगर कोई भी कर्मचारी हड़ताल करता है तो उस पर सख्त एक्शन लिया जा सकता है.