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'समझाने-बुझाने के दिन खत्म, अगर बिजली आपूर्ति बाधित हुई तो...', यूपी के ऊर्जा मंत्री की अफसरों को चेतावनी

उत्तर प्रदेश सरकार के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने कहा कि जब मैं मंत्री बना था, तब बिजली की लाइनें जर्जर थीं, खंभे गिर रहे थे और ट्रांसफॉर्मर ओवरलोड थे. उस समय अधिकारियों पर चिल्लाने या उन्हें निलंबित करने से समस्या हल नहीं होती थी.

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यूपी के ऊर्जा मंत्री अरविंद शर्मा
यूपी के ऊर्जा मंत्री अरविंद शर्मा

उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने चेतावनी दी है कि बिजली आपूर्ति बाधित होने पर अधिकारियों को जवाबदेह ठहराया जाएगा. उन्होंने कहा, "अगर कोई ट्रांसफॉर्मर जलता है, तो संबंधित अधिकारी को भी परिणाम भुगतने होंगे." अपने गृहनगर मऊ में एक सार्वजनिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अरविंद कुमार शर्मा ने कहा कि समझाने-बुझाने के दिन खत्म हो गए हैं और अब बिजली क्षेत्र में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. 

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न्यूज एजेंसी के मुताबिक, पिछले तीन सालों में किए गए निलंबनों पर प्रकाश डालते हुए शर्मा ने कहा, "जब मैं मंत्री बना था, तब बिजली की लाइनें जर्जर थीं, खंभे गिर रहे थे और ट्रांसफॉर्मर ओवरलोड थे. उस समय अधिकारियों पर चिल्लाने या उन्हें निलंबित करने से समस्या हल नहीं होती थी. हालांकि, पिछले तीन सालों में 3,300 लोगों को निलंबित किया गया है और अब मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि मऊ, गाजीपुर या दोहरीघाट में बिजली आपूर्ति बाधित नहीं होनी चाहिए." 

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उन्होंने निर्देश दिया कि 24 घंटे बिजली आपूर्ति के लिए नामित क्षेत्रों को निर्बाध बिजली मिलनी चाहिए, जबकि 18 घंटे आपूर्ति शेड्यूल वाले क्षेत्रों को भी यही मिलना चाहिए. ऊर्जा मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार ने बिजली विभाग की सभी मांगों को पूरा किया है, वित्तीय संसाधन, उपकरण, तकनीक और सुधारों को लागू करने के लिए पर्याप्त समय सुनिश्चित किया है. अब गलतियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, अब अगर ट्रांसफार्मर खराब होगा तो अफसर भी खराब होंगे.

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मंत्री ने हाल ही में एक घटना का भी जिक्र किया, जिसमें एक सार्वजनिक बैठक के दौरान बिजली कटने के बाद दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया था. उन्होंने कहा, "बिजली चली गई और तुरंत कार्रवाई की गई. दो लोगों को निलंबित कर दिया गया और आगे की जांच चल रही है."

भ्रष्टाचार पर सरकार की जीरो-टॉलरेंस नीति को दोहराते हुए शर्मा ने कहा कि भ्रष्टाचार के लिए 3,300 से अधिक कर्मचारियों को हटा दिया गया है और बिजली विभाग के 50 सरकारी अधिकारियों सहित लगभग 85-90 लोगों पर मामला दर्ज किया गया है. उन्होंने चेतावनी दी, "उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार के लिए कोई जगह नहीं है, चाहे वह कोई भी विभाग हो." 

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