उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मिलावटी खाद्य बेचने वालों के खिलाफ खाद्य विभाग सख्त हो गया है और लगातार शहर में कार्रवाई कर रहा है. इस जांच अभियान के दौरान टीम ने 65 प्रतिष्ठानों पर करीब 30 लाख से ज्यादा रुपये का जुर्माना लगाया है. जिसे उन्हें 30 दिनों के अंदर ही भरना होगा. ऐसा नहीं करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
मिलावटी सामान के जांच के दौरान शहर के ट्रांसपोर्ट नगर फेज-2 स्थित कमल संस सी-16 व अन्य को दोषी पाया गया और उन पर एक लाख 35 हजार का जुर्माना लगाया गया. वहीं अलीगंज स्थित लक्ष्मी इंटरप्राइजेज पर एक लाख 20 हजार का जुर्माना लगाया गया है. इसी तरह मिलावटी खाद्य बेचने के आरोप में सरोजनीनगर के शांति भोग फूड प्रोडक्टस पर एक लाख 20 हजार का जुर्माना लगाया गया है. जबकि कानपुर रोड सेक्टर आई स्थित ईजी डे स्टोर पर एक लाख 20 हजार का जुर्माना लगाया गया है.
शहर के कई ठिकानों पर छापा
शहर के विभिन्न इलाकों में जांच टीम ने पड़ताल के दौरान कई ऐसे ठिकानों पर छापे मारे जहां मिलावटी समान बेचे जा रहे थे. इनमें पुरनिया स्थित राउंड ओ क्लोक रिटेल्स प्राइवेट लिमिटेड को भी मिलावट के मामले में दोषी पाया गया और उस पर एक लाख 15 हजार का जुर्माना लगाया गया. साथ ही मोहन रोड स्थित वॅालमार्ट इण्डिया प्रा.लि. पर 95 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है.
इसके अलावा विभूतिखण्ड गोमतीनगर स्थित Fairfield by marriot unit of Gemini continenta पर 95 हजार रुपये का जुर्माना लगा है. वहीं सीतापुर रोड नवीकोटा नन्दना स्थित सुपर मार्केट ग्रासरी सप्लाइज प्रालि पर 95 हजार रुपये का दंड लगा है, इसके अलावा रानीगंज चैाराहा स्थित मनोहर ट्रेडिंग कंपनी पर 95 हजार रुपये का जुर्माना लगा है.
जांच दल ने इसी क्रम में अन्नपूर्णा स्टोर माल ऐवेन्यू पर 80 हजार रुपये का जुर्माना लगाया. वहीं नटकुर परगना स्थित फ्यूचर रिटेल लिमिटेड पर 80 हजार रुपये का दंड लगाया है. साथ ही कैलाश स्टोर आई टी क्रासिंग पर 80 हजार रुपये का जुर्माना और मदर बेकरी स्टोर न्यू हैदरगंज कैम्पवेलरोड पर 80 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है.
इसके साथ ही जांच टीम ने एसआर. कैफे कैंटीन कैसरबाग पर 75,000 रुपये का जुर्माना लगाया है. इसके अलावा एटू जेड सुपर मार्ट विजयपुर विशेष खंड गोमतीनगर पर 75 हजार रुपये का जुर्माना और श्री प्रभु दयाल प्रोविजन स्टोर जॅापलिंग स्टोर हजरतगंज पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. जांच के दौरान पाए गए सभी दोषियों को 30 दिन का समय दिया गया है, इस समय सीमा के अंदर ही जुर्माना की रकम इन्हें अदा करनी होगी.