उमेश पाल अपहरण केस में मुख्य आरोपी माफिया अतीक अहमद को साबरमती जेल से प्रयागराज लाया जा रहा है. मामले में अतीक का भाई अशरफ भी आरोपी है. उमेश पाल की हत्या हो चुकी है. लेकिन अपहरण कांड पर 28 मार्च को फैसला आना है. इसी के चलते दोनों आरोपियों को प्रयागराज लाया जा रहा है. अतीक अहमद को डर है कि उसका एनकाउंटर किया जा सकता है या फिर उसकी गाड़ी पलट सकती है. इसको लेकर वह सुप्रीम कोर्ट में भी जा चुका है.
इस सबके बीच उत्तर प्रदेश के मंत्री का भी बयान सामने आया है. जिसमें उन्होंने कहा है कि अपराधी को पुलिस की गाड़ी में शांति से बैठना चाहिए, ताकि गाड़ी न पलटे. दरअसल, यूपी के मंत्री जेपीएस राठौड़ के उमेश पाल हत्याकांड के आरोपियों को लेकर बयान पर अखिलेश यादव ने निशाना साधा था. अखिलेश ने कहा था कि सीएम (योगी आदित्यनाथ) ने उन्हें (यूपी के मंत्री जेपीएस राठौड़) पहले ही बता दिया होगा कि गाड़ी कहां और कैसे पलटेगी. यदि आप Google और अमेरिका से मदद लेते हैं, तो वे दिखाएंगे कि गाड़ी कैसे और कब पलटी थी.
अखिलेश के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए यूपी के मंत्री राठौर ने कहा कि 'कार पलटने' की बात है पुलिस द्वारा पकड़े जाने के बाद एक अपराधी को गाड़ी में शांति से बैठना चाहिए, ताकि वह सुरक्षित जेल पहुंच सके. अगर वह गाड़ी से भागने की सोचता है तो गाड़ी का संतुलन बिगड़ सकता है और गाड़ी पलट सकती है.
अतीक को प्रयागराज ला रही पुलिस
बता दें कि अतीक अहमद को गुजरात के साबरमती जेल से उत्तर प्रदेश के प्रयागराज लाया जा रहा है. उसे 45 पुलिसकर्मियों के काफिले की सुरक्षा के साथ गुजरात से यूपी लाया जा रहा है. मामला किडनैपिंग से जुड़ा हुआ है. यह केस 17 साल पुराना है. इस केस के लिंक भी उमेश पाल से ही जुड़े हुए हैं. बात 2006 की है. आरोप के मुताबिक 25 जनवरी 2005 को बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के मुख्य गवाह उमेश पाल 2006 में अतीक अहमद ने अपहरण करवा लिया था. इस पर 28 मार्च को फैसला आना है.