उत्तर प्रदेश में नगर निकाय चुनाव हो रहे हैं. पहले चरण में 4 मई को 37 जिलों में शहर की सरकार चुनने के लिए मतदान हुआ था. लोगों में इसे लेकर वह उत्साह नजर नहीं आया जिसकी उम्मीद जताई जा रही थी. कहां मतदान प्रतिशत में इजाफे की उम्मीद जताई जा रही थी, कहां इसमें और गिरावट ही आ गई. नगर निकाय चुनाव के पहले चरण में कुल 52 फीसदी मतदान हुआ जो पिछले चुनाव से भी कम है.
नगर निकाय चुनाव के पहले चरण में मतदान को लेकर आई उदासीनता ने राजनीतिक पार्टियों और उम्मीदवारों की चिंता बढ़ा दी है तो वहीं राज्य चुनाव आयोग भी एक्टिव मोड में आ गया है. उत्तर प्रदेश के राज्य निर्वाचन आयुक्त ने इसे लेकर अब दूसरे चरण के मतदान से पहले अधिकारियों को मतदाता पर्ची के संबंध में आदेश जारी किए हैं.
राज्य निर्वाचन आयुक्त ने दूसरे चरण के मतदान से पहले मतदाता पर्ची घर-घर पहुंचाने के निर्देश दिए हैं. बताया जा रहा है कि राज्य निर्वाचन आयुक्त ने मतदान प्रक्रिया से जुड़े अधिकारियों को ये आदेश नगर निकाय चुनाव के पहले चरण में 4 मई को हुए कम मतदान के बाद दिया है. गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव दो चरणों में हो रहे हैं.
दो चरणों में हो रहे निकाय चुनाव के पहले चरण में 37 जिलों के नगर निकायों में 4 मई को वोटिंग हुई थी. पहले चरण में जिन 37 जिलों में मतदान हुआ, वहां 2017 के निकाय चुनाव से भी कम वोटिंग हुई. यूपी की राजधानी लखनऊ में भी मतदान प्रतिशत काफी कम रह गया था. इन सबके बाद उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों की चिंता बढ़ गई थी.
पहले चरण में कम मतदान के बाद यूपी राज्य निर्वाचन आयोग भी एक्टिव मोड में आ गया. अब राज्य निर्वाचन आयुक्त ने बीएलओ को घर-घर मतदाता पर्ची पहुंचाने के निर्देश दिए हैं. बता दें कि निकाय चुनाव के दूसरे चरण में 11 मई को 38 जिलों में वोटिंग होनी है. इनमें सात नगर निगम के चेयरमैन और 590 वार्ड पार्षद, 95 नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष और 2551 सदस्य, 268 नगर पंचायत अध्यक्ष और 3495 सदस्य समेत 370 निकायों और 3636 वार्ड में 7006 पदों पर चुनाव होने हैं.