उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण रद्द होने पर समाजवादी पार्टी (सपा) हमलावर है. इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने जैसे ही ओबीसी आरक्षण रद्द करने का फैसला सुनाया, वैसे ही सपा फ्रंटफुट पर आकर योगी सरकार पर आरक्षण विरोधी होने का आरोप लगाने लगी. आज फिर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बीजेपी पर हमला बोला.
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गुरुवार को कहा कि भाजपा का पिछड़ों के प्रति हमेशा सौतेला व्यवहार रहा है, आज पिछड़ों का आरक्षण छीना है, कल दलितों का भी बारी आ सकती है, भाजपा षड्यंत्र के तहत बाबा साहब के दिये अधिकार को खत्म कर रही है, ओबीसी व दलित का आरक्षण छीन कर उन्हें गुलाम बनाना चाहती है.
योगी सरकार पर हमला बोलते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा पिछड़ों का वोट चाहती है, उन्हें भागीदारी का अधिकार नहीं देती, दिल्ली और यूपी में बनी सरकार पिछड़ों के वोट से बनी सरकार है लेकिन इनकी सरकार में पिछड़ों के लिए जगह नहीं है, सरकार आरक्षण तो खत्म कर ही रही है, साथ ही चुनाव से भी भागना चाहती है.
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि पुलिस भर्ती का घोषित रिजल्ट बदल दिया गया, इसमें 1700 पिछड़ों को नौकरी मिली थी लेकिन 4 दिन बाद उनकी खुशी छीन ली गई, भाजपा में आने के बाद पिछड़े नेताओं और मंत्रियों की आत्मा मर जाती है, सरकार लगातार भेदभाव कर रही है, अगर सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई लड़नी पड़ी तो सपा कोर्ट भी जाएगी.
क्या है पूरा मामला
5 दिसंबर को उत्तर प्रदेश सरकार ने नगर निकाय चुनाव की आरक्षण सूची जारी की थी, जिसमें ओबीसी और एससी-एसटी के लिए सीटें आरक्षित की गईं. इस आरक्षण के खिलाफ हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दायर की गई, जिसमें कहा गया कि ओबीसी आरक्षण देने में सुप्रीम कोर्ट के द्वारा जिस ट्रिपल टेस्ट को आवश्यक बताया गया था, उसका पालन नहीं हुआ है.
मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने 27 दिसंबर को प्रदेश में निकाय चुनाव जल्द चुनाव कराने का आदेश दिया है. साथ ही राज्य सरकार की के ओबीसी आरक्षण को लेकर नोटिफिकेशन को भी रद्द कर दिया है. हाई कोर्ट के इस आदेश के बाद योगी सरकार बैकफुट पर आ गई और विपक्ष ने सरकार पर ओबीसी आरक्षण खत्म करने की साजिश रचने का आरोप लगाया.