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4 महीने के लिए यूपी में बना नया जिला, 4 तहसील और 67 गांव शामिल कर नाम रखा 'महाकुंभ मेला'

प्रयागराज में महाकुंभ की तैयारियों और प्रशासन को सुचारू रूप से चलाने के लिए एक अस्थायी जिला बनाया गया है, जो कि दूसरे स्थायी जिलों की तरह ही कार्य करेगा. इसमें डीएम, एसपी, मजिस्ट्रेट जैसे सभी पद सृजित किए गए हैं.

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यूपी में बना नया जिला 'महाकुंभ मेला'
यूपी में बना नया जिला 'महाकुंभ मेला'

प्रयागराज में महाकुंभ-2025 की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधाओं का ध्यान रखने और प्रशासनिक कार्यों को बेहतर तरीके से संचालित करने के उद्देश्य से योगी सरकार ने रविवार को एक अस्थायी जिले का गठन कर दिया. इसका नाम रखा गया है- महाकुंभ मेला. इस नए जिले को चार तहसील क्षेत्रों के 67 गांवों को जोड़कर बनाया गया है. इस अस्थायी जिले में प्रशासन वैसे ही काम करेगा, जैसे सामान्य जिलों में करता है. कानून-व्यवस्था मजबूत बनाए रखने के लिए नए जिले में अस्थायी रूप से पुलिस थाने और चौकियां बनाई जाएंगी. 

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प्रयागराज में महाकुंभ मेला रविवार को नया अस्थायी जिला घोषित किया गया. इसे चार महीनों के लिए ही बनाया गया है यानी महाकुंभ की तैयारियों से लेकर मेले के सकुशल समापन तक ही ये जिला रहेगा, उसके बाद इसका वर्चस्व स्वत: ही समाप्त हो जाएगा. प्रयागराज के डीएम रविंद्र कुमार मांदड़ ने इस अस्थायी जिले के लिए अधिसूचना जारी करते हुए बताया कि ये संपूर्ण जिला की ही तरह कार्य करेगा. इसमें डीएम, एसएसपी समेत सभी विभागों के पद सृजित किए गए हैं. 

फाइल फोटो

डीएम द्वारा जारी अधिसूचना में क्या-क्या निर्देश हैं?  

प्रयागराज डीएम ने अधिसूचना में निर्देश दिए हैं कि महाकुंभ नगर के जिला कलेक्टर को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 व अन्य सुसंगत धाराओं के अंतर्गत एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट, जिलाधिकारी व अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट तथा उक्त संहिता के अधीन संप्रति (इन फोर्स) किसी अन्य कानून के अंतर्गत जिला मजिस्ट्रेट के सभी अधिकार प्राप्त हैं. इसके अलावा, उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006, उत्तर प्रदेश राजस्व सहंति संशोधन अधिनियम 2016 की सुसंगत धाराओं के अंतर्गत कलेक्टर के सभी अधिकारों का उपयोग करने और कलेक्टर के समस्त कार्य करने के अधिकार दे दिए गए हैं.  

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4 तहसीलों के 67 गांव नए जिले में शामिल 

महाकुंभ मेला जनपद में प्रयागराज के तहसील सदर, सोरांव, फूलपुर और करछना को शामिल किया गया है. महाकुंभ मेला जनपद में पूरे परेड क्षेत्र और इन 4 तहसीलों के 67 गांवों को जोड़ा गया है. अधिसूचना के मुताबिक तहसील सदर के 25 गांव, तहसील सोरांव के तीन गांव, तहसील फूलपुर के 20 गांव और करछना तहसील के 19 गांव शामिल किए गए हैं. 

फाइल फोटो

कैसे बनता है अस्थायी जिला? 

जिला बनाने का अधिकार राज्य सरकारों के पास होता है. नया जिला बनाने के लिए सरकार को आधिकारिक राजपत्र पर अधिसूचना जारी करनी होती है. इसके लिए मुख्यमंत्री कार्यकारी आदेश दे सकते हैं या फिर इसके लिए विधानसभा में कानून पारित करके नया जिला बनाया जा सकता है. इसके अलावा राज्य सरकार जिले का नाम बदल सकती है और किसी जिले का दर्जा भी खत्म कर सकती है. हालांकि जो महाकुंभ मेला जनपद बनाया गया है, वो अस्थायी है. उसे प्रयागराज की सीमाओं के अंतर्गत आने वाले इलाकों को ही जोड़कर बनाया गया है. इसके लिए उसी जिले के डीएम की ओर से अधिसूचना जारी की जाती है. 

बता दें कि महाकुंभ 2025 का आयोजन प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी तक होगा. इस महाकुंभ के दौरान कुल छह शाही स्नान होंगे. कहा जा रहा है कि इस महाकुंभ में देश-विदेश के 40 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु शामिल होंगे.

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