उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ निकाय चुनाव के मद्देनजर सोमवार को सहारनपुर में जनसभा को संबोधित करने पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा कि यूपी में अब माफिया अतीत हो गए हैं. उन्होंने कहा, ''नो कर्फ्यू- नो दंगा, यूपी में सब चंगा. रंगदारी न फिरौती, यूपी नहीं है अब किसी की बपौती. सीएम योगी ने कहा, अब यूपी में माफिया-अपराधी अतीत हो गए हैं, राज्य अब सुरक्षा-खुशहाली और रोजगार का प्रतीत बन रहा है.
सीएम योगी ने कहा, यूपी में माफिया अब अतीत हो गए हैं. माफिया के इलाज के लिए पुलिस पर्याप्त है. बेटियां पहले जब पढ़ने के लिए दूर जाने के लिए मजबूर रहती थीं. मां बाप के मन में चिंता रहती थी. लेकिन अब यूपी में भय मुक्त वातावरण है.
उन्होंने कहा, सुरक्षा का बेहतरीन वातावरण देने का काम बीजेपी सरकार ने किया है. यह चुनाव डबल इंजन के साथ तीसरे इंजन को जोड़ने का चुनाव है. नगर निकाय में महापौर, नगर पालिका अध्यक्ष के साथ पार्षद भी बीजेपी का हो, इसके लिए वोट मांगने आया हूं.
योगी आदित्यनाथ ने कहा, ''मैं सहारनपुर से चुनाव प्रचार की शुरुआत करने आया हूं. आदि शक्ति मां शाकुम्भरी देवी की धरा को नमन. सहारनपुर युवा, व्यापारी, उद्यमी, किसानों का जनपद है. मैं यहां बार बार आता हूं. मैंने सहारनपुर को नजदीक से देखा है, पहले बिजली नहीं आती थी. दंगे होते थे, कनेक्टिविटी नहीं थी. लखनऊ की दूसरी 8-10 घंटे लगते थे. आज सहारनपुर विकास की चमक से चमकता है, दिल्ली अब यहां से दूर नहीं है, देहरादून अब दूर नहीं है.''
सीएम योगी ने कहा, पहले डिग्री के लिए युवाओं को मेरठ जाना पड़ता था,अब युवाओ को यहां मां शाकुंभरी विश्विद्यालय से डिग्री मिलेगी,जीवन भर डिग्री पर मां शाकुंभरी की फोटो उसके सफलता को आशीर्वाद देती रहेंगी. 2017 से पहले सहारनपुर में दंगे करवाए जाते थे,सिख भाइयों को दंगो की आग मे झोंका जाता था. आज उत्तरप्रदेश मे भयमुक्त वातावरण बना है.
सीएम ने कहा, आपको तय करना है कि युवाओं के हाथ में तमंचे चाहिए या टैबलेट-स्मार्टफोन. गलियों मे अपराधियों की गोलियों की तड़तड़ाहट चाहिए, या शहरों गलियों मे भजन का प्रवाह. रंगदारी वसूली करने वाले गुंडे चाहिए या गरीबों, स्ट्रीट वेंडरो को स्वनिधि देने वाली व्यवस्था. हमें शोहदों का आतंक चाहिए या सेफ सिटी.
उन्होंने कहा, अब यूपी में यूपी कर्फ्यू नहीं, कांवड़ यात्रा की तैयारी होती है. अब उपद्रव नहीं उत्सव हमारी पहचान है. अब माफिया नहीं, महोत्सव हमारी पहचान है.
(इनपुट- अनिल)