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UP Police का वो नियम जिसके तहत लेडी कॉन्स्टेबल संग होटल में पकड़े गए डिप्टी एसपी बन गए सिपाही

UP News: डिप्टी एसपी कृपा शंकर कनौजिया को उसकी नियुक्ति के मूल पद सिपाही पर भेज दिया गया है. उन्नाव में सीओ बीघापुर रहे कृपाशंकर कनौजिया को सिपाही बनाया दिया गया है. कृपाशंकर कनौजिया को 26वीं वाहिनी पीएसी गोरखपुर में आरक्षी पद पर तैनात किया गया है.

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यूपी पुलिस में डिप्टी एसपी बना सिपाही.
यूपी पुलिस में डिप्टी एसपी बना सिपाही.

UP News: महिला सिपाही के साथ होटल में पकड़े जाने वाले सर्किल ऑफिसर कृपा शंकर कनौजिया फिर से सिपाही बना दिए गए. खास बात यह है कि सिपाही पद पर पुलिस में भर्ती होने वाले कृपा शंकर अपनी प्रतिभा और मेहनत के बलबूते प्रमोट होकर सीओ के पद तक पहुंचे थे, लेकिन चारित्रिक पतन के चलते उन्हें वापस शुरुआती पद पर पहुंचा दिया गया. पुलिस आचरण नियमावली का उल्लंघन करने पर विभाग ने यह कार्रवाई की है. 

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देवरिया जिले के रहने वाले कृपा शंकर कन्नौजिया साल 1986 में यूपी पुलिस के सिपाही पद पर भर्ती हुए थे. विभागीय परीक्षाएं देकर वह हेड कॉन्स्टेबल और फिर सब-इंस्पेक्टर के पद तक पहुंचे. इसके बाद समय के हिसाब से उन्हें इंस्पेक्टर के पद पदोन्नत किया गया और 26वीं वाहिनी पीएसी में तैनात किया गया. इसके बाद सर्किल ऑफिसर के पद पर पदोन्नत कर कृपाशंकर को उन्नाव जिले के बीघापुर में तैनात किया गया. 

CO पद रहते कृपा शंकर कन्नौजिया जुलाई 2021 में कानपुर के एक होटल में महिला कॉन्स्टेबल के साथ एक होटल में आपत्तिनजक हालत में पकड़े गए. तब शासन ने सीओ को 26वीं वाहिनी गोरखपुर भेज दिया था और पुलिस नियमावली का उल्लंघन करने पर उनके खिलाफ जांच बैठा दी गई.

पुलिस आचरण नियमावली का उल्लंघन करने के दोषी पाए जाने पर सीओ कृपाशंकर के खिलाफ एक्शन लिया गया. यानी चरित्र की कमजोरी की वजह से एक डिप्टी एसपी अफसर फिर से सिपाही पद पर पहुंच गया. 

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जांच रिपोर्ट के बाद बीते 21 जून 2024 को कृपा शंकर कन्नौजिया को सीओ पद से सिपाही बनाने के आदेश जारी कर दिए गए. इस आदेश की प्रति रिसीव करने के बाद से ही अब कृपा शंकर 26वीं वाहिनी गोरखपुर से गायब हो गए हैं. गैरहाजिर रहने पर अब विभाग के मुंशी ने सिपाही कृपाशंकर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है.  

बता दें कि नियमावली के तहत पुलिसकर्मी को हमेशा शिष्ट और सदाचारी होना चाहिए. भरोसेमंद और निष्पक्षता के साथ उनको चरित्र तथा जनविश्वास अर्जित करना चाहिए. इसके अलावा, पुलिसकर्मी को अपनी निजी जिंदगी पूरी तरह निष्कलंक रखनी चाहिए. उन्हें अपनी निजी और सार्वजनिक जिंदगी में विचार और आचरण से सच्चा और ईमानदार होना चाहिए ताकि जनता उन्हें उदाहरण योग्य नागरिक माने. 

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, तत्कालीन उन्नाव के सीओ कृपा शंकर कनौजिया ने 6 जुलाई 2021 को एसपी उन्नाव से पारिवारिक वजहों से छुट्टी मांगी थी. लेकिन छुट्टी मंजूर होने के बाद वो घर जाने की बजाय कहीं और चले गए थे. बताया गया कि उन्होंने कानपुर एक होटल में चेकइन किया था. उनके साथ एक महिला सिपाही भी थी. इस दौरान सीओ ने अपने प्राइवेट और सरकारी, दोनों मोबाइल नंबर बंद कर दिए थे.

इधर, सीओ का नंबर बंद जाने पर परेशान पत्नी ने जब पूछताछ की तो पता चला कि वह छुट्टी लेकर घर के लिए निकले थे. इस पर पत्नी ने एसपी उन्नाव को फोन करके मदद मांगी थी. किसी अनहोनी की आशंका में एसपी उन्नाव ने सर्विलांस टीम को लगाया तो पता चला कि सीओ कृपा शंकर कनौजिया का मोबाइल नेटवर्क कानपुर में एक होटल में आकर बंद हो गया था. 

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उन्नाव पुलिस कानपुर के उस होटल पहुंची, जहां सीओ की लोकेशन पता चली थी. पुलिसकर्मियों को कानपुर के होटल में सीओ और महिला सिपाही साथ मिले. बताया जा रहा है कि सबूत के तौर पर उन्नाव पुलिस सीओ से जुड़े वीडियो अपने साथ ले गई थी. होटल में एंट्री करते समय सीओ और उनकी महिला मित्र सीसीटीवी कैमरे में कैद हुए थे. कांड के बाद विभाग की छवि धूमिल करने के चलते रिपोर्ट शासन को भेजी गई थी. शासन ने पूरे मामले पर समीक्षा के बाद कृपा शंकर कनौजिया को रिवर्ट कर सिपाही बनाने की संस्तुति की, जिसके बाद एडीजी प्रशासन ने co को सिपाही बनाने का आदेश जारी किया. 

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